आम चुनाव 2024 में भाजपा को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के कारण एनडीए ने सरकार बनाने को लेकर बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इंडिया गठबंधन भी अपनी महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को कर रहा है। इंडिया गठबंधन सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या जुटाने की कोशिश में है। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 543 सदस्यीय संसद में 294 सीटें हासिल कीं। यह 272 के जादुई आंकड़े से 22 ज्यादा है। लेकिन यह जेडीयू और टीडीपी की वजह से है।
दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिली हैं। वो 272 के बहुमत से 38 सीट दूर है। यानी एनडीए के दो सहयोगी टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नीतीश कुमार के पास केंद्र की सत्ता की चाबी है। दोनों ने ही एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था। लेकिन अब हालात एकदम से बदल गए। समझा जाता है कि इंडिया के नेताओं ने इन दोनों दलों के नेताओं को इंडिया में शामिल होने का न्यौता दिया है। इडिया गठबंधन को बहुमत हासिल करने के लिए जेडीयू और टीडीपी के सांसदों के समूह के समर्थन की जरूरत है।
दिल्ली में करीब-करीब सभी प्रमुख दलों के नेता बुधवार को पहुंच चुके हैं। जिनमें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक ही फ्लाइट में अपने-अपने गठबंधन की बैठक के लिए आए हैं। चंद्रबाबू नायडू, एम के स्टालिन, शरद पवार, सुप्रिया सुले, उद्धव ठाकरे आदि दिल्ली पहुंच चुके हैं।
बुधवार को रही बैठकों से पहले चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी को बधाई दी थी। बुधवार को दिल्ली आने से पहले उन्होंने विजयवाड़ा में कहा कि हमने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा है। अब मैं दिल्ली जा रहा हूं, ताकि आंध्र प्रदेश का विकास किया जा सके। इसी तरह नीतीश कुमार की पार्टी के नेता केसी त्यागी ने साफ कर दिया है कि जेडीयू हर हालत में एनडीए के साथ है। नीतीश कुमार पलटी नहीं मारेंगे।
इन महत्वपूर्ण टिप्पणियों के बावजूद नीतीश और चंद्रबाबू की साख ऐसी है कि ये किसी भी समय एनडीए से बाहर जा सकते हैं। अतीत में दोनों ने ही ऐसा किया है। इसके बाद अमित शाह ने चंद्रबाबू को कोसते हुए कहा था कि उनके रास्त अब एनडीए में हमेशा के लिए बंद हैं। लेकिन यही अमित शाह चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश चंद्रबाबू से गठबंधन करने पहुंचे थे। नीतीश कुमार कितनी बार एनडीए से पलटी खा चुके हैं कि लोग गिनती तक भूल गए हैं।
इंडिया गठबंधन में अभी तक सबकुछ ठीकठाक है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी के तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन दिल्ली आ चुके हैं। बैठक में सीपीएम और सीपीआई के नेता भी मौजूद रहेंगे।