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लिंगायत संत केस: 'उत्तेजक चॉकलेट' खिलाकर करता था दुष्कर्म- पीड़िता

लिंगायत संत केस: 'उत्तेजक चॉकलेट' खिलाकर करता था दुष्कर्म- पीड़िता

दुष्कर्म के आरोपी कर्नाटक के संत शिवमूर्ति शरणारू पर दो लड़कियों ने बड़े आरोप लगाए हैं और आपबीती सुनवाई है। जानिए, उन्होंने क्या-क्या आरोप लगाए हैं।

कर्नाटक के सबसे प्रभावशाली लिंगायत संतों में से एक शिवमूर्ति शरणारू के ख़िलाफ़ और अधिक भयावह आरोप लगाए गए हैं। सोमवार को अदालत में सुनवाई के दौरान दो पीड़ित लड़कियों ने आपबीती बताई। उन्होंने कहा कि उनको सिडेटिव यानी उत्तेजक दवाएँ मिलाई हुई चॉकलेट खिलाकर उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था।

उन्होंने ये आरोप चार्जशीट में लगाए हैं और आज की सुनवाई में लगाए हैं। आरोप लगाने वाली 15 और 16 साल की उम्र की दो लड़कियाँ हैं। सुनवाई के दौरान आरोपी संत कम से कम एक और सप्ताह के लिए जेल में रहेंगे क्योंकि एक स्थानीय अदालत ने आज उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। 

संत शिवमूर्ति शरणारू की गिरफ़्तारी तब हुई थी जब दो नाबालिग लड़कियों द्वारा बलात्कार का आरोप लगाए जाने के बाद विरोध-प्रदर्शन हुआ था।

लिंगायत मठ द्वारा संचालित एक स्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों ने एक गैर सरकारी संगठन 'ओदानदी सेवा संस्थान' से संपर्क किया था। उनके द्वारा आपबीती सुनाए जाने के बाद यह जिला बाल कल्याण समिति के ध्यान में लाया गया, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। शिकायत के अनुसार, मुरुगा मठ के छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 साल की लड़कियों का साढ़े तीन साल से अधिक समय तक यौन शोषण किया गया। अगस्त महीने में जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पाँच लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गयी।

बहरहाल, एनडीटीवी की आज जो रिपोर्ट आई है उसके अनुसार लड़कियों ने कहा है, 'वह चॉकलेट देते थे जिसमें कुछ चीज मिली हुई होती थी...। वह मुझे बैठाता, शराब पीता और गालियाँ देता...। उसने वार्डन से लड़कियों को अपने कमरे में भेजने को कहा।'

एक 15 वर्षीय छात्र ने आरोप लगाया है, "उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरे साथ बलात्कार किया। मैंने यह कहते हुए उससे विनती की कि 'हम गरीब परिवारों के बच्चे हैं'।" उन्होंने कहा कि "वह चॉकलेट 'कुछ लगाकर' देता था। उनका सेवन करने के बाद मैं बेहोश हो जाती।"

रिपोर्ट के अनुसार, 16 साल की दूसरी लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने कहा कि उसका कई बार यौन शोषण किया गया और चाकू की नोंक पर धमकाया गया। उन्होंने आरोप लगाया, "वॉर्डन रश्मि ने मुझे पिछले दरवाजे से स्वामी के कमरे में भेज दिया। जब मैंने प्रवेश किया, तो मैंने देखा कि वह शराब पी रहा था। उसने मुझे फल दिए, जिसे खाने के बाद मैं बेहोश हो गई। जब मुझे होश आया, तो मेरे तन पर कपड़े नहीं थे। जब मैंने सहयोग करने से इनकार कर दिया तो उसने चाकू की नोक पर मुझे धमकी दी।"

उन्होंने आगे कहा, 'अगर कोई छात्रा स्वामी के कमरे में जाने से इनकार करती थी, तो वार्डन रश्मि उन्हें पीटती थी।' रिपोर्ट के अनुसार रश्मि भी गिरफ़्तार है।

चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक के परशुराम ने पहले ही संवाददाताओं से कहा था, "जब भी बच्चों ने विरोध किया तो उसने उन्हें उत्तेजक दवाओं के साथ सेब दिया और उनके साथ बलात्कार किया।"

बता दें कि पिछले महीने ही संत शिवमूर्ति शरणारू के ख़िलाफ़ एक और एफ़आईआर दर्ज की गई है। चार और नाबालिग लड़कियों ने उन पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा वर्षों तक उनका यौन उत्पीड़न किया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग लड़कियों ने आरोप लगाया है कि मुरुगा मठ के प्रमुख शिवमूर्ति शरणारू ने जनवरी 2019 से जून 2022 के बीच कई बार उनका यौन शोषण किया।

इस नए मामले में संत के अलावा मठ के छात्रावास के वार्डन सहित छह को आरोपी बनाया गया है। इन सभी के ख़िलाफ़ यौन अपराधों के ख़िलाफ़ बच्चों के संरक्षण यानी POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

हालाँकि, शिवमूर्ति शरणारू ने दावा किया है कि उनके ख़िलाफ़ आरोप लंबे समय से चली आ रही साजिश का हिस्सा थे। उन्होंने दावा किया था कि वह निर्दोष साबित होंगे।

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