मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। जबकि घरेलू एलपीजी गैस का सिलेंडर 50 रुपए महंगा हो गया है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए काफी दिनों से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थी कि पेट्रोल और डीजल महंगा होने वाला है। क्योंकि इस युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमत बेतहाशा बढ़ गई थी।
लेकिन जितनी बढ़ोतरी की बात कही जा रही थी उतनी बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसा हो सकता है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ें।
दाम बढ़ने के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 86.67 रुपए प्रति लीटर हो गई है। जबकि बिना सब्सिडी वाले एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत राष्ट्रीय राजधानी में 950.50 रुपए हो गई है। 19 किलो वाला कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर अब 2003.50 रुपए का हो गया है।
मुंबई में अब पेट्रोल की कीमत 110.82 रुपए जबकि डीजल की कीमत 95 रुपए प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह चेन्नई में पेट्रोल 102.16 और डीजल 92.19 रुपए प्रति लीटर और कोलकाता में पेट्रोल 105.51 रुपए और डीजल 90.62 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। यह सभी आंकड़े इंडियन ऑयल के हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमत में पिछली बार बढ़ोतरी 1 दिसंबर 2021 को हुई थी। जबकि एलपीजी सिलेंडर के दाम 6 अक्टूबर को बढ़ाए गए थे।
4 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर कर घटाया था और इससे इनकी कीमतों में कमी आई थी और जनता को राहत मिली थी।
और बढ़ेंगे दाम?
भारत तेल उत्पादों की जरूरतों का 85 फीसद आयात करता है। भारत दुनिया में तेल आयात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। केंद्र सरकार भी जानती है कि अगर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक साथ बहुत ज्यादा इजाफा हुआ तो लोग नाराजगी जाहिर करेंगे शायद इसीलिए पेट्रोल और डीजल की कीमतें धीरे-धीरे बढ़ सकती हैं। हालांकि पेट्रोल और डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव से तय होती हैं।
निश्चित रूप से एलपीजी सिलेंडर की क़ीमत 50 रुपये बढ़ने से आम जनता पर करारी चोट पड़ेगी।