आम आदमी पार्टी प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और सवाल किया कि आखिर टैक्सपेयर्स का पैसा कहां जा रहा है। केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जनता पर टैक्स का ढेर लगा रही है लेकिन अमीरों के लिए इसे माफ कर रही है।
केजरीवाल की टिप्पणी सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच मुफ्त उपहार, या "रेवड़ी संस्कृति" के मुद्दे पर लड़ाई के बीच आई है। केंद्र ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अक्सर मतदाताओं को खुश रखने के लिए मुफ्त उपहार का उपयोग करते हैं।केजरीवाल ने बिजली-पानी मुफ्त करके दिल्ली के बाद पंजाब चुनाव जीता। अब उन्हीं नारों को वो गुजरात में भी दोहरा रहे हैं।
आप प्रमुख केजरीवाल ने कहा, पिछले 75 वर्षों में कभी भी सरकार ने बुनियादी खाद्यान्न पर टैक्स नहीं लगाया। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स 1000 करोड़ से अधिक है। वे अब कह रहे हैं कि सरकार की सभी मुफ्त चीजें खत्म होनी चाहिए, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों में फीस ली जानी चाहिए। वे कह रहे हैं कि मुफ्त राशन बंद कर दिया जाए। उन्होंने सवाल किया -
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कहां गया केंद्र का सारा पैसा? वे इस सरकारी पैसे से अपने दोस्तों का कर्ज माफ कर रहे हैं। उन्होंने अपने अरबपति दोस्तों के टैक्स भी माफ कर दिए हैं। लेकिन जनता को टैक्स चुकाना पड़ रहा है।
-केजरीवाल, आप प्रमुख, गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में
केजरीवाल ने कहा- केंद्र ने बार-बार दोहराया है कि उनके पास पैसा नहीं है, राज्यों को दिया गया पैसा कम कर दिया है। टैक्स संग्रह 2014 की तुलना में बहुत अधिक है लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। पैसा कहां जा रहा है ? यह देश के इतिहास में पहली बार है कि केंद्र ने अपनी अग्निपथ योजना को सही ठहराते हुए कहा कि वे ऐसा कर रहे हैं, इसलिए उन्हें अब रक्षा कर्मियों को पेंशन नहीं देनी होगी।
केजरीवाल की मुफ्त योजनाओं पर पहला हमला पीएम मोदी ने किया था। 16 जुलाई को बुंदेलखंड में एक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने लोगों को "रेवड़ी संस्कृति" के खिलाफ आगाह किया था, जिसके तहत मुफ्त में वादा करके वोट मांगे जाते थे। मोदी ने कहा था कि यह देश के विकास के लिए "बहुत खतरनाक" हो सकता है।
इसके बाद, बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के लिए मुफ्त राशन देने पर केजरीवाल पर हमला किया था। उनका दावा था कि उन्होंने दिल्ली के खजाने को लुटा डाला। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार के कार्यक्रम, जिसे बीजेपी "मुफ्त" कहती है, ने लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद की और स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं को गरीबों में से सबसे गरीब तक पहुंचाया।