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हरियाणा में एमएसपी पर किसान फिर उबले, पीटे गए

हरियाणा में एमएसपी पर किसान फिर उबले, पीटे गए

हरियाणा में एमएसपी का मुद्दा फिर जोर पकड़ रहा है। बीकेयू (चढूनी) ने कई दिनों पहले प्रदर्शन की घोषणा की थी। किसानों ने जब एनएच 44 को जाम किया तो उन पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इसके विरोध में हरियाणा के कई शहरों में किसानों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। 

हरियाणा में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का मुद्दा फिर जोर पकड़ रहा है। किसानों ने इस मुद्दे पर मंगलवार को एनएच 44 पर जगह-जगह जाम लगा दिया। इस पर पुलिस ने कुरुक्षेत्र के पास जबरदस्त लाठी चार्ज किया, जिसमें कई किसानों को चोटें लगी हैं। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कल खुद से संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि एनएच 44 देश की लाइफलाइन है, पंजाब-हरियाणा-हिमाचल-जम्मू कश्मीर का रास्ता इससे होकर निकलता है, इसलिए इस पर यातायात में कोई बाधा नहीं आए लेकिन भीड़ को हटाने के लिए बल प्रयोग अंतिम हथियार के रूप में इस्तेमाल हो।

 भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने सूरजमुखी की फसल अब तक नहीं उठाए जाने और इस पर एमएसपी नहीं देने के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान काफी दिनों पहले दिया था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे को सुलझाने की कोई कोशिश नहीं की गई। इस पर किसान संगठन बीकेयू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में, सैकड़ों किसान महापंचायत करने के लिए कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में एकत्र हुए थे।  

क्या चाहते हैं किसान

द ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक चढूनी ने आरोप लगाया कि सरकार ने सूरजमुखी के लिए 6,400 रुपये के एमएसपी की घोषणा की थी, लेकिन वह तय दर पर फसल की खरीद नहीं कर रही थी। “तेल की कीमतों में गिरावट के कारण नुकसान का हवाला देते हुए, सरकार खरीद मूल्य के रूप में 4,800 रुपये प्रति क्विंटल और भरपाई योजना के तहत 1,000 रुपये की पेशकश कर रही है। एमएसपी की तुलना में किसानों को 600 रुपये का नुकसान हो रहा है। चढूनी ने कहा कि अगर सरकार को एमएसपी से नीचे सूरजमुखी की खरीद की अनुमति दी गई, तो वह अन्य फसलों के लिए भी इसी तरह की रणनीति अपनाएगी। यह सरकार की सोची समझी चाल है।  

बता दें कि गेहूं समेत तमाम फसलों के लिए एमएसपी तय किए जाने की मांग को लेकर हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान के किसान लंबा संघर्ष कर चुके हैं। मोदी सरकार जब इस संबंध में तीन कृषि कानून लेकर आई तो किसान संगठनों ने उसका जबरदस्त विरोध करते हुए उस कानून को वापस लेने की मांग की थी। उस कानून में एमएसपी को मुद्दे को तोड़ा-मरोड़ा गया था। किसान उस कानून में एमएसपी पर गारंटी चाहते थे लेकिन सरकार देने को तैयार नहीं थी। एमएसपी का मुद्दा आज भी उलझा हुआ है। 

हालात कब बिगड़े

मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे किसान राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर बढ़ने लगे और फ्लाईओवर पर धरना दे दिया। शाम 7 बजे के आसपास जब किसानों ने अपनी नाकेबंदी हटाने से इनकार कर दिया, तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और फिर लाठीचार्ज किया।    इस लाठीचार्ज में गुरनाम सिंह, पंकज हवाना, राकेश बैंस और जसबीर सिंह मामूमाजरा सहित कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया, जबकि कुछ कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें आईं।

विरोध के दौरान शाम करीब 7.40 बजे आईजी (अंबाला रेंज) सिबाश कबीराज भी पहुंचे, तब जाकर ट्रैफिक बहाल हुआ। लाठी चार्ज के जो वीडियो और फोटो आए हैं, उनसे लगता है कि पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया है। लेकिन पुलिस का आधिकारिक बयान है कि "एनएच -44 एक लाइफलाइन सड़क है। किसानों को मनाने की बार-बार की कोशिशें नाकाम रहीं। हल्का बल प्रयोग किया गया और किसी के गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है।

हरियाणा के कई शहर प्रभावित

लोकल मीडिया के मुताबिक कुरुक्षेत्र में आंदोलनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज की खबर जैसे ही फैली सोनीपत, गोहाना और रोहतक सहित कई अन्य शहरों में किसानों ने सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। सोनीपत में किसानों ने सरधना गांव के पास गनौर पुगथला रोड को जाम कर दिया। सड़क जाम की सूचना मिलते ही गन्नौर पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को जाम हटाने के लिए समझाया। आक्रोशित किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

किसान नेता वीरेंद्र पहल ने कहा, 'हम न्याय मिलने तक धरना जारी रखेंगे। हम पुलिस द्वारा किसानों की क्रूर पिटाई का विरोध करते हैं।”

गोहाना में कुरुक्षेत्र में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने रोहतक-पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों ने रोहतक से हिसार राजमार्ग को भी जाम कर दिया। किसानों ने लाठीचार्ज पर नाराजगी जताते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को "किसान विरोधी" कहा।

कांग्रेस का तंज

कांग्रेस ने हरियामा सरकार को 'लाठी सरकार' कहा है। कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता मनोहर लाल खट्टर पर जमकर निशाना साधा।

सुरजेवाला ने कहा- "खट्टर सरकार बन गई लाठी सरकार। कुरुक्षेत्र में किसानों पर लाठीचार्ज भाजपा-जजपा सरकार के कफन में कील का काम करेगा। सूरजमुखी की फसल का एमएसपी 6,400 रुपये है लेकिन किसान फसल को 4,000-4500 रुपये में बेचने को मजबूर है। न्याय मांगने पर लाठियां मिलती हैं। यह जुल्म अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में निर्मम लाठीचार्ज ने किसानों के प्रति खट्टर सरकार की नफरत को उजागर कर दिया है।''

अदालत का निर्देश

लाइव लॉ के मुताबिक यह देखते हुए कि एनएच-44 देश की "लाइफलाइन" रोड है, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा को राष्ट्रीय राजमार्ग पर "बिना किसी बाधा के" यातायात की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, ताकि जनता को परेशानी न हो। किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो।

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस मंजरी नेहरू कौल और जस्टिस मनीषा बत्रा की बेंच ने कहा- "यह निर्देश बिना किसी और देरी के तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। हालांकि, साथ ही, यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रशासन अत्यंत संयम बरतेगा और घटनास्थल पर एकत्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अंतिम उपाय के रूप में बल प्रयोग करेगा।

इस मामले की सुनवाई 13 जून को होगी। अदालत ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

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