उच्च पेंशन का दावा करने के तरीके पर अधिक स्पष्टता के मकसद से, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बुधवार को एक सर्कुलर जारी किया कि अगर कोई व्यक्ति संयुक्त अनुरोध (कर्मचारी और नियोक्ता) प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है तो वह कौन से दस्तावेज जमा कर सकता है। यह सर्कुलर ईपीएफओ नियम के पैरा 26(6) के तहत जारी किया गया है। इसमें क्षेत्रीय कार्यालयों को पेंशन दावे को सत्यापित करने का अधिकार दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने नवंबर 2022 के आदेश में फैसला सुनाया था कि जो कर्मचारी 1 सितंबर, 2014 से पहले या 1 सितंबर, 2014 को ईपीएफ का हिस्सा थे, लेकिन उच्च पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर सके, वे अब चार महीने के भीतर नए विकल्प जमा कर सकते हैं, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया। पहले 3 मई, 2023 फिर 26 जून, 2023 तक दस्तावेज जमा कराने को कहा गया था।
हालांकि, कर्मचारियों द्वारा संयुक्त आवेदन जमा करने की प्रक्रिया बेहद जटिल है, विशेष रूप से एक अनिवार्य आवश्यकता के रूप में, जिसमें योजना के पैरा 26 (6) के तहत विकल्प का विवरण पेश करना आवश्यक है।
ईपीएफओ ने अब उन पात्र कर्मचारियों के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को आसान बनाया है, जिनके पास नियोक्ता से संयुक्त अनुरोध या अनुमति का प्रमाण नहीं है।
ईपीएफओ द्वारा जारी 14 जून का सर्कुलर, उच्च ईपीएस पेंशन के लिए आवेदन करने के लिए योग्य कर्मचारी को संयुक्त पेंशन आवेदन पत्र के साथ जमा करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची जारी की है।
क्षेत्रीय कार्यालय यह सत्यापित करेंगे कि पीएफ अंशदान के नियोक्ता के हिस्से को कर्मचारी के वेतन पर 5,000 रुपये / 6,500 रुपये / 15,000 रुपये प्रति माह की प्रचलित वैधानिक सीमा से अधिक भुगतान किया गया है। इसकी कटऑफ तारीख 16 नवंबर, 1995 रखी गई है।
यह योजना योग्य कर्मचारी के लिए लागू है, जिसके पास संयुक्त अनुरोध या उपक्रम या अनुमति का प्रमाण नहीं है। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि कर्मचारी के भविष्य निधि खाते को प्राप्त अंशदान के आधार पर ब्याज के साथ फौरन अपडेट किया जाना चाहिए।
सर्कुलर में आगे कहा गया है कि जिन कर्मचारियों ने उच्च ईपीएस पेंशन के लिए आवेदन करते समय संयुक्त घोषणा का प्रमाण पेश नहीं किया है, वे अपने पिछले नियोक्ता के माध्यम से अंतिम दावा निपटान के समय इसे जमा कर सकते हैं।