महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को बहुमत परीक्षण पास करने के बाद एकनाथ शिंदे विधानसभा में भाषण देते वक़्त भावुक हो गए। इसके साथ ही शिंदे ने उद्धव ठाकरे गुट के लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वह 50 से ज़्यादा विधायकों के साथ मुंबई से बाहर चले गए थे तो लोग उन्हें गद्दार तक की उपाधि दे रहे थे। लेकिन मैं उन्हें यह कहना चाहता हूँ कि मैंने हिंदुत्व के लिए ठाकरे सरकार का साथ छोड़ा। शिंदे ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले ढाई साल में मेरे मनोबल को काफ़ी तोड़ने की कोशिश की गई लेकिन मैं हिंदुत्व के मुद्दे से पीछे नहीं हटा और हमने ऐसी पार्टी के साथ सरकार बनाई है जिसने हिंदुत्त्व का साथ कभी नहीं छोड़ा। शिंदे ने कहा कि वह हिंदुत्व के लिए अपनी जान भी न्यौछावर करने के लिए तैयार हैं।
शिंदे ने सोमवार को कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी पर जमकर निशाना साधा। विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास करने के बाद धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान शिंदे ने कहा कि जब मैं कुछ विधायकों के साथ मुंबई से बाहर चला गया था तो शिवसेना के ही नेता मुझे गद्दार कहकर बुला रहे थे।
शिंदे ने शिवसेना से बगावत की कहानी बताते हुए कहा कि जब वह मुंबई से अपने साथी विधायकों के साथ सूरत के लिए निकले थे तो उन्हें पता नहीं था कि उन्हें क्या करना है। इस दौरान मुझे मुख्यमंत्री और दूसरे लोगों ने भी फोन किया और सभी ने पूछा कि कहाँ जा रहे हो तो मैंने कहा कि खुद मुझे नहीं पता है कि मैं कहाँ जा रहा हूँ।
जैसे ही मैं सूरत पहुँचा और सूरत से फिर गुवाहाटी के लिए निकला तो शिवसेना के नेताओं ने मुझे गद्दार कहना शुरू कर दिया और मेरे घर और दूसरे विधायकों के दफ्तरों पर पत्थरबाजी करवा दी। शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई साल से मेरे मनोबल को तोड़ने की कोशिश की जा रही थी। महा विकास अघाडी सरकार में जो मंत्रालय मुझे मिला था उसके कामकाज में दूसरे लोग दखल दे रहे थे। शिंदे ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा एक ओर जहां मुझसे बातचीत के लिए मध्यस्थ भी भेजे जा रहे थे वहीं दूसरी ओर मुझे विधायक दल के नेता के पद से भी हटा दिया गया।
शिंदे ने कहा कि मैंने कभी पद का लालच नहीं किया। मैं हमेशा शांत रहा लेकिन मैंने फ़ैसला कर लिया था कि मैं अन्याय अब नहीं सहूँगा। एकनाथ शिंदे विधानसभा में बोलते वक़्त उस समय भावुक हो गए जब उन्होंने अपने दो बच्चों की मौत का क़िस्सा सुनाया। शिंदे ने कहा कि अपने दो बच्चों की मौत के बाद वह इतने टूट गए थे कि उन्होंने शिवसेना छोड़ने का फ़ैसला कर लिया था। लेकिन धर्मवीर आनंद दिघे के कहने पर मैंने फिर से शिवसेना के लिए दिन रात काम करना शुरू कर दिया।
शिंदे ने कहा कि मैंने जिस शिवसेना के लिए दिन रात काम किया आज उसी के लोग मुझे गद्दार तक कह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि साल 2019 में जब शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई थी तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुझे मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे लेकिन एनसीपी के अजित पवार और कांग्रेस के विरोध के चलते वह मुझे मुख्यमंत्री नहीं बना पाए। शिंदे ने कहा कि मैंने उद्धव ठाकरे से कई बार कहा था कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार मत बनाओ लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी। मुझे काफी दुख है कि शिवसेना ने उन लोगों के साथ सरकार बनाई जिन्होंने मुंबई बम धमाकों के आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
एकनाथ शिंदे ने बाला साहब ठाकरे के उस इंटरव्यू का भी ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर ना तो कभी चुनाव लड़ेगी और न ही कभी सरकार बनाएगी। लेकिन उद्धव ठाकरे ने उनके वचनों को नहीं निभाया। शिवसेना के एक और विधायक संतोष बांगड़ उनके साथ आ गए हैं। इसके अलावा और भी कुछ विधायक उनके साथ आ सकते हैं।
बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रही है। यही कारण रहा कि उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। शिंदे ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन किया और कहा कि आप चिंता मत करो आपको कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, आपको महाराष्ट्र को आगे लेकर जाना है।
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महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी ने जो सरकार बनाई है वह सरकार कई सालों तक चलने वाली है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जितने भी विधायक मेरे साथ हैं वे सभी दोबारा चुनाव जीत कर आने वाले हैं।
एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री
शिंदे ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस बहुत बड़े कलाकार हैं और उनके साथ मिलकर हम महाराष्ट्र को आगे लेकर जाएंगे। शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बहुत जल्द तेल की कीमतों को घटाने का फैसला करेगी। शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब तेल की कीमतों से वैट घटा दिया था तो महाराष्ट्र में वैट नहीं घटाया गया था, इसके चलते महाराष्ट्र में पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें कम नहीं हुई थी। हमारी सरकार कैबिनेट की बैठक में बहुत जल्द पेट्रोल और डीजल की कीमत कम करने का फैसला लेगी।
महा विकास आघाडी में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी तीनों पार्टियों ने फ़ैसला किया है कि अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता होंगे, जिस पर सर्वसम्मति से फ़ैसला लिया गया है।