उद्धव की मुश्किलें बढ़ीं, एकनाथ शिंदे बने विधायक दल के नेता
महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सामने मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पद के लिए हुए चुनाव में राहुल नार्वेकर ने जीत हासिल करते हुए शिवसेना को पटखनी दी थी। अब स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी है।
वहीं, शिंदे गुट के भारत गोगावले को मुख्य चीफ व्हिप की मान्यता दे दी है। विधानसभा से इन दोनों नेताओं को मान्यता मिलने के बाद अब उद्धव ठाकरे गुट की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
ऐसे में अब उद्धव ठाकरे को सत्ता गंवाने के बाद अपनी पार्टी बचानी भारी पड़ रही है।
महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर का चुनाव हारने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के लिए यह एक और बड़ा झटका है।
जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर दी थी और 39 विधायक लेकर अलग हो गए थे तो उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता से हटाने का प्रस्ताव विधानसभा उपाध्यक्ष के पास भेजा था, जिस पर उपाध्यक्ष ने मुहर लगाते हुए शिंदे की जगह पर अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बना दिया था।
इसके साथ ही शिवसेना ने चीफ व्हिप को हटाकर सुनील प्रभु को नया व्हिप बना दिया था। जैसे ही रविवार को नए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने चार्ज संभाला, उन्होंने एकनाथ शिंदे की बहाली शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में कर दी वहीं सुनील प्रभु को भी चीफ व्हिप से हटाकर शिंदे गुट के भरत गोगावले को नया चीफ व्हिप बना दिया।
ऐसे में महाराष्ट्र में सरकार खोने के बाद अब उद्धव ठाकरे को पार्टी बचाने के लिए लड़ना होगा। ठाकरे के लिए इसलिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि नया चीफ व्हिप बनने के बाद अब उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को उनके आदेशों का पालन करना होगा। अगर ऐसी स्थिति में भरत गोगावले के आदेश का पालन नहीं हुआ तो फिर विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई भी हो सकती है।
हालांकि शिवसेना के नेताओं का कहना है कि वह स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार का आज बहुमत परीक्षण भी है। ऐसे में अगर शिंदे गुट के चीफ व्हिप भरत गोगावले ने व्हिप जारी कर दिया तो फिर उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों को शिंदे सरकार के पक्ष में मतदान करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो फिर विधानसभा अध्यक्ष उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को रविवार को उस समय झटका लगा था जब बीजेपी के प्रत्याशी राहुल नार्वेकर ने आसानी से स्पीकर के पद पर जीत हासिल की थी। राहुल नार्वेकर के पक्ष में जहां 164 वोट पड़े थे वहीं शिवसेना के राजन सालवी को 107 वोट ही मिले।
स्पीकर का चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें इस बात की खुशी है कि महाराष्ट्र में एक बार फिर से बीजेपी और शिवसेना की सरकार बन गई है और यह महाराष्ट्र की जनता के लिए काम करेगी।