ईडी ने किया कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को गिरफ़्तार, बोले- मैं नहीं झुकूंगा
ईडी ने डी कंपनी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के बड़े नेता नवाब मलिक को बुधवार को गिरफ़्तार कर लिया है। ईडी के अधिकारी बुधवार तड़के नवाब मलिक के घर पर पहुंचे और उनसे डी कंपनी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच में जुड़ने के लिए कहा। इसके बाद ईडी के अधिकारी नवाब मलिक को अपने साथ अपने दफ्तर लेकर चले गए जहां भी उनसे घंटे भर तक पूछताछ की गई।
नवाब मलिक की जेजे अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई है। गिरफ्तारी के बाद मलिक ने कहा है कि वह नहीं झुकेंगे और लड़ेंगे, जीतेंगे और सबको एक्सपोज करेंगे।
एनसीपी ने किया प्रदर्शन
मलिक की गिरफ्तारी के बाद एनसीपी ने ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में एनसीपी के नेता जुटे हैं। एनसीपी नेता और आघाडी सरकार के मंत्री जितेंद्र आह्वाड ने ईडी के इस कदम की निंदा की है और कहा है कि यह विरोध की आवाज को दबाने की कोशिश है। उन्होंने इस कदम को संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बताया है।
नवाब मलिक महा विकास आघाडी सरकार के उन नेताओं में से हैं जो केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं। महा विकास आघाडी सरकार के नेता लगातार केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं। मलिक की गिरफ्तारी के बाद महा विकास आघाडी सरकार के नेता जिस तरह एकजुट हुए हैं उससे ऐसा साफ लगता है कि यह मामला अभी और तूल पकड़ेगा।
नवाब मलिक के घर पर ईडी के पहुंचने और उन्हें अपने दफ्तर ले जाने को लेकर सोशल मीडिया पर एनसीपी और महा विकास आघाडी सरकार में शामिल दलों के नेताओं ने जबरदस्त विरोध जताया है।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि 2024 के बाद आप की भी जांच होगी इस बात को याद रखना।
सरकार बनने के बाद से ‘रार’
महाराष्ट्र में जब से महा विकास आघाडी की सरकार बनी है तभी से बीजेपी और आघाडी सरकार के नेता आमने-सामने हैं। खासतौर से बीजेपी और शिवसेना-एनसीपी के बीच बीते 2 सालों में खुलकर जंग हुई है। इस दौरान यह जंग केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के जरिये भी लड़ी गई है।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की संपत्तियों को जब्त करने का मामला हो, एकनाथ खडसे के दामाद की गिरफ्तारी हो या फिर शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से ईडी की पूछताछ हो या ऐसे कई और मामले, इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या महा विकास आघाडी सरकार के नेता और उनके परिवार के सदस्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। हालांकि एजेंसियों का साफ कहना है कि वह इस मामले में कानून के अनुसार काम कर रही हैं।
टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी और फिल्म अदाकारा कंगना रनौत के द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी के दौरान भी बीजेपी और महा विकास आघाडी के नेताओं के बीच तलवारें खिंच गई थीं।
महाराष्ट्र में आने वाले कुछ दिनों में कई नगर निगमों और बीएमसी के चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले नवाब मलिक की गिरफ्तारी के कारण एक बार फिर बीजेपी और महा विकास आघाडी सरकार के नेता आमने सामने आ गए हैं।