महाराष्ट्र में आजकल यह बात चर्चा का विषय बन गयी है कि पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विरोधी पक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को ट्रोल क्यों किया जा रहा है। फडणवीस को ट्रोल करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की माँग को लेकर पिछले सप्ताह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का प्रतिनिधि मंडल राज्य के पुलिस महानिदेशक परमवीर सिंह से भी मिला था। इस संबंध में नागपुर और मुंबई में शिकायत भी दर्ज कराई गयी है। लेकिन बुधवार को देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर ऐसे ही ट्रोल के चक्कर में फँस गए। सवाल यह है कि वे कौन लोग हैं जो फडणवीस को ट्रोल कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं
6 मई को छत्रपति शाहू महाराज का स्मृति दिन था और फडणवीस ने अपने एक ट्वीट में उनका उल्लेख सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में किया। लेकिन जब लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया तो उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। फडणवीस के इस ट्वीट पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने एतराज़ जताते हुए ट्वीट किया ‘संघ की मनुवादी विचारधारा से निकले देवेंद्र फडणवीस द्वारा छत्रपति शाहू महाराज को कार्यकर्ता लिखना आश्चर्यजनक नहीं है। संघ को मनुवाद लाना है, इसलिए महात्मा फूले, शाहू महाराज व डॉ. बाबा साहब आंबेडकर को लेकर वे इसी तरह के प्रयास करते हैं। इनके मन की भावना बाहर आ गयी! जाहिर निषेध।’
फडणवीस के इस ट्वीट को लेकर कल दिन भर ट्विटर पर ट्रोलिंग चलती रही। राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अमोल मिटकरी ने भी ट्वीट कर रोष व्यक्त किया और कहा, 'फडणवीस माफ़ी मांगिये अन्यथा आपके कार्यकर्ता फिर पुलिस के पास शिकायत लेकर जायेंगे कि आपको ट्रोल किया जाता है।’
मामला इतना बढ़ा कि बीजेपी के खाते से राज्यसभा में सांसद और छत्रपति के वंशज संभाजी राजे भोसले ने भी इस ट्वीट को लेकर अपनी आपत्ति जताई। संभाजी राजे ने कहा कि जब-जब छत्रपति को लेकर किसी तरह का मुद्दा बनता है तो वे हमेशा खुलकर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवाजी महाराज से किये जाने वाली किताब के समय भी उन्होंने विरोध जताया था। संभाजी राजे ने कहा कि शाहू महाराज को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने जो ट्वीट किया है उसने मेरी ही नहीं शाहू महाराज को मानने वाले हर व्यक्ति की भावना को ठेस पहुँचाया है, इसके लिए वे माफ़ी माँगें।
कुछ देर बाद फडणवीस ने इस ग़लती पर ख़ेद व्यक्त भी किया।
दरअसल, फडणवीस को पिछले दो तीन महीनों से उनके मीम्स आदि बनाकर ट्विटर पर ट्रोल किया जा रहा है। इन मीम्स में चुनाव प्रचार के दौरान उनके भाषण ‘मैं फिर से मुख्यमंत्री बनूँगा’ को अलग-अलग तरह से पेश किया जा रहा है। यही नहीं, बार बार उद्धव ठाकरे सरकार के ख़िलाफ़ राजभवन में राज्यपाल के पास जाने के उनके घटनाक्रम पर भी ट्रोल्स सक्रिय हो रहे हैं। इस मामले में जब बीजेपी नेता पुलिस महानिदेशक के पास शिकायत करने पहुँचे थे तो कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने सवाल उठाया था कि ‘ट्रोल आर्मी’ के बारे में सभी को पता है कि इनका सम्बन्ध बीजेपी से ही है। लेकिन अब बीजेपी नेता, उनसे परेशान क्यों हो रहे हैं।