फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को मानेंगे राज्यपाल कोश्यारी?
महाराष्ट्र में आखिरकार बीजेपी ने फ्लोर टेस्ट की मांग कर ही दी। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंगलवार रात को बीजेपी नेताओं के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले और उन्हें एक पत्र सौंपा। इस पत्र में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई है।
दूसरी ओर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना फ्लोर टेस्ट होने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के 39 विधायक लगातार मांग कर रहे हैं कि वे कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन में नहीं रहना चाहते हैं और इसका मतलब है कि वे अब महा विकास आघाडी सरकार के साथ नहीं हैं।
फडणवीस ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से निवेदन किया कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने के लिए कहें। इससे पहले देवेंद्र फडणवीस मंगलवार दिन में दिल्ली आए थे और यहां उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
क्या कहा है पत्र में?
बीजेपी की ओर से राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि गुवाहाटी में रुके शिवसेना के विधायकों को धमकियां दी जा रही हैं। शिवसेना के नेता संजय राउत कहते हैं कि गुवाहाटी से यहां 40 लाशें लौटेंगी। संसदीय लोकतंत्र में सरकार चलाने के लिए बहुमत होना जरूरी है। इसलिए राज्यपाल मुख्यमंत्री से बहुमत साबित करने के लिए कहें। बीजेपी नेताओं ने पत्र के साथ सुप्रीम कोर्ट के कुछ पुराने फैसलों का भी हवाला दिया है।
फडणवीस के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने वालों में विधायक चंद्रकांत पाटील, सुधीर मुनगंटीवार, प्रवीण दरेकर, गिरीश महाजन और आशीष शेलार थे।
शिंदे ने की बैठक
राज्यपाल से बीजेपी नेताओं की मुलाकात के बाद गुवाहाटी में रुके शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने सभी बागी विधायकों के साथ बैठक की और इसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की।
यह दिख रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से बागी विधायकों को राहत मिलने के बाद ही बीजेपी और एकनाथ शिंदे का गुट सक्रिय हो गया है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, 8 निर्दलीय विधायकों ने भी राज्यपाल को मंगलवार को पत्र भेजा और कहा है कि महा विकास आघाडी सरकार के पास बहुमत नहीं है।
अल्पमत में है सरकार
महाराष्ट्र के ताज़ा सियासी हालात में यह साफ दिखाई दे रहा है कि शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास आघाडी सरकार अल्पमत में आ चुकी है। अगर राज्यपाल फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश देते हैं और शिवसेना इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है तो निश्चित रूप से सियासी हालात पेचीदा हो जाएंगे।
अगर सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे दिया तो उद्धव ठाकरे सरकार के लिए बहुमत साबित करना मुश्किल होगा क्योंकि यह बात शिवसेना के नेता संजय राउत भी कह चुके हैं कि उनके पास वर्तमान में शिवसेना के 16 विधायक हैं।
फ्लोर टेस्ट होने पर गुवाहाटी में रुके बागी विधायक भी मुंबई लौट सकते हैं।
महा विकास आघाडी सरकार के पास वर्तमान में एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44, शिवसेना के 16 व अन्य 12 विधायकों का समर्थन है। यह कुल आंकड़ा 125 बैठता है जो बहुमत के लिए जरूरी 144 के आंकड़े से बहुत कम है जबकि दूसरी ओर बीजेपी के पास 106 विधायक हैं, शिवसेना के बागी 39 विधायकों का समर्थन उसके पास है और कुछ निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायक भी उसके साथ हैं। ऐसे में बीजेपी बहुमत के आंकड़े को आसानी से छूती हुई दिखाई दे रही है।