मतदान प्रतिशत क्यों नहीं बता रहा चुनाव आयोग? केजरीवाल ने उठाए गंभीर सवाल

06:38 pm Feb 09, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आयोग की तटस्था पर कई बार सवाल उठे थे। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के विवादास्पद, भड़काऊ और सांप्रदायिक बयानों पर जिस तरह आयोग ने अपेक्षाकृत हल्की सज़ाएं दीं, इससे उस पर अंगुलियाँ उठीं थीं। मतदान ख़त्म हो जाने के बाद उस पर एक बार फिर सवालिया निशान लग रहा है। इस बार मुद्दा यह है कि मतदान ख़त्म होने के कई घंटे बीत जाने के बाद भी आयोग ने यह क्यों नहीं बताया है कि कितना प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि मतदान ख़त्म होने के एक घंटे बाद ही यह इसका एलान करता आया है। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने इसे बहुत ही गंभीरता से लिया है और चुनाव आयोग से सवाल पूछा है। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा, 'बिल्कुल आश्चर्यजनक है। चुनाव आयोग क्या कर रहा है वे मतदान प्रतिशत के आँकड़े मतदान के कई घंटे बाद भी क्यों नहीं जारी कर रहा है'

याद दिला दें कि दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान शनिवार शाम 6 बजे ही खत्म हो गया। पर कितना प्रतिशत मतदान हुआ, आयोग ने रविवार शाम तक नहीं बताया है। 

खेल क्या है

आम आदमी के प्रवक्ता संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में मतदान ख़त्म होने के एक घंटे बाद चुनाव आयोग मतदान प्रतिशत बता दिया करता था, उन्होंने सवाल किया दिल्ली जैसी छोटी जगह पर यह हिसाब लगाने में इतना अधिक समय क्यों लग रहा है।

संजय सिंह ने कहा, चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि कल से क्या खेल चल रहा है। चुनाव कल ही ख़त्म हो गया, पर चुनाव आयोग के किसी अफ़सर ने अब तक नहीं बताया है कि कितना प्रतिशत मतदान हुआ।

याद दिला दें कि बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एग़्जिट पोल के नतीजों के एलान के बाद कहा था कि ये तमाम अनुमान ग़लत साबित होंगे और आम आदमी पार्टी को ईवीएम पर दोष मढ़ने के लिए अभी से बहाना ढूंढ लेना चाहिए।

याद दिला दें कि ईवीएम को लेकर बीते लोकसभा चुनाव में कई तरह के सवाल उठाए थे। इसके पेपर ट्रेल प्रणाली यानी वीवीपैट पर सवाल उठा था, ईवीएम को टेंपर करने यानी उसमें छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे।

हालाँकि ये सिर्फ़ आरोप थे, और ईवीएम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी किए जाने के सबूत नहीं मिले थे, पर सवाल तो उठा ही था। मतदान प्रतिशत का आँकड़ा नहीं जारी कर चुनाव आयोग ने पहले से चल रहे तरह-तरह के अटकलों को और हवा ही दी है।