देश भर में शनिवार से दुकानें खोले जाने के केंद्र सरकार के आदेश को दिल्ली सरकार ने भी स्वीकार कर लिया है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह पहले ताज़ा हालात की समीक्षा करेगी और उसके बाद ही कोई फ़ैसला लेगी। दिल्ली में देश भर में सबसे ज़्यादा 95 कंटेनमेंट जोन हैं और इन जगहों से वायरस के फैलने का ख़तरा बहुत ज़्यादा है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार केंद्र के आदेश को मानने से हिचक रही थी लेकिन अब उसने इसे मान लिया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात को जारी आदेश में देश भर में दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है। सरकार ने कहा है कि यह अनुमति शर्तों के साथ दी जा रही है। आदेश के मुताबिक़, शहरों और कस्बों में बाज़ार बंद रहेंगे और छोटी-मोटी दुकानें खुलेंगी। जबकि ग्रामीण इलाक़ों में सभी दुकानें खुलेंगी। लेकिन हॉट स्पॉट और कंटेनमेंट ज़ोन के इलाक़ों में अभी दुकानें बंद ही रहेंगी।
सरकार ने अनुमति देने के साथ शर्त जोड़ी है कि सभी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना ज़रूरी होगा, मास्क लगाना होगा और ग्लव्स पहनने होंगे। एक महीने से लॉकडाउन की मार झेल रहे दुकानदारों को इस आदेश से राहत मिलेगी।
दिल्ली देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले में तीसरे नंबर पर है। यहां अब तक 2500 से ज़्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सभी हॉट स्पॉट्स और कंटेनमेंट जोन में बाहर से लोगों के आने और यहां से उनके बाहर जाने पर कड़ा प्रतिबंध लगाया हुआ है।
20 अप्रैल को जब केंद्र सरकार ने कुछ जगहों पर लॉकडाउन के दौरान छूट दी थी तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में ऐसी कोई छूट नहीं दी जा सकती क्योंकि यहां के सभी 11 जिले हॉट स्पॉट हैं। केजरीवाल ने कहा था कि अगर दिल्ली सरकार लॉकडाउन में छूट दे दे और उसके बाद संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण अस्पतालों में बिस्तर, वेंटिलेटर्स कम पड़ जाएं तब सरकार क्या करेगी।