दिल्ली में चल रही जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल ख़त्म हो गई है। जूनियर डॉक्टर्स एनईईटी पोस्ट ग्रेजुएट काउंसलिंग में हो रही देरी की वजह से मेडिकल कॉलेजों में दाखिला न मिलने के कारण और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से नाराज थे।
डॉक्टर्स ने बीते दिनों जोरदार प्रदर्शन किया था और मेडिकल सुविधाओं को पूरी तरह बंद करने की चेतावनी दी थी। हड़ताली डॉक्टर्स की स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ मंगलवार को मुलाकात भी हुई थी।
डॉक्टर की हड़ताल 15 दिन तक चली। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि हड़ताल खत्म हो गई है और अब जूनियर डॉक्टर्स काम पर लौट गए हैं। उनकी दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त के साथ बैठक हुई है और इसमें डॉक्टर्स के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का फैसला पुलिस ने लिया है।
एनईईटी पोस्ट ग्रेजुएट काउंसलिंग को लेकर उन्हें इस बात का भरोसा दिलाया गया है कि 6 जनवरी को अदालत में होने वाली सुनवाई में इसकी मंजूरी मिल जाएगी।
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के समर्थन में एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन भी आगे आ गई थी। लेकिन एम्स के डॉक्टर्स बुधवार से काम पर लौट आए थे।
पुलिस से हुई थी झड़प
बता दें कि जूनियर डॉक्टर्स ने सोमवार को जब सुप्रीम कोर्ट तक मार्च निकालने की कोशिश की थी तो इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई। इस दौरान कई लोग घायल हो गए महिला डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि मार्च के दौरान उनके साथ अभद्रता की गई और बल प्रयोग किया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि उसने किसी तरह का बल प्रयोग किया।
डॉक्टर्स से मुलाकात के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने पुलिस के बर्ताव को लेकर खेद जताया था।
देश में ओमिक्रॉन के बढ़ रहे संकट को देखते हुए जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण तमाम तरह की चिंताएं भी थीं। डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण 3 बड़े सरकारी अस्पतालों सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुई।