दिल्ली में बीजेपी पर अपने विधायकों को खरीदे जाने का आरोप लगाने के बाद आम आदमी पार्टी ने बुधवार को सीबीआई मुख्यालय के बाहर धरना दिया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, विधायक अतिशी मारलेना सहित कई नेता सीबीआई मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे। इसके बाद वे सीबीआई के अफसरों से मिले और अपनी शिकायत दर्ज कराई।
आम आदमी पार्टी ने पिछले कुछ दिनों में लगातार यह आरोप लगाया है कि बीजेपी ने दिल्ली में उसके विधायकों को 20-20 करोड़ का ऑफर देकर खरीदने की कोशिश की थी।
पार्टी ने मांग की है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि देश भर में दूसरे दलों के विधायकों को खरीदने के लिए 6300 करोड़ रुपए कहां से आए।
वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के द्वारा लगाए गए इन आरोपों की जांच होनी चाहिए। इसके लिए दिल्ली के सभी बीजेपी सांसदों ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है।
आम आदमी पार्टी ने 'ऑपरेशन लोटस' की जांच कराने को लेकर विधानसभा से लेकर सड़क तक मोर्चा खोल दिया है। विधायकों ने ‘ऑपरेशन लोटस’ का पुतला फूंका और पूछा कि दिल्ली के आप विधायकों को ख़रीदने के लिए रखा 800 करोड़ रुपया किसका है?
कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने कहा कि देश भर में बीजेपी 277 विधायक खरीद चुकी है, इन विधायकों को खरीदने का पैसा कहां से आया। विधायक ने कहा कि बीजेपी ने ऐसा करके महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गोवा की सरकार गिराई है।
उपराज्यपाल करेंगे कानूनी कार्रवाई
उधर, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा है कि वह आम आदमी पार्टी के उन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे जिन्होंने उनके खिलाफ झूठे और मानहानि करने वाले भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इन नेताओं में पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज और अतिशी मारलेना भी शामिल हैं। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल सक्सेना 1400 करोड़ के घोटाले में शामिल हैं। पार्टी ने कहा कि जब देश नोटबंदी के दौरान लाइनों में लगा था तब उपराज्यपाल सक्सेना खादी और ग्रामोद्योग आयोग के तत्कालीन चेयरमैन थे और वह काले धन को सफेद बनाने में लगे थे।
आबकारी नीति पर रार
दिल्ली में आबकारी नीति को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी पहले से ही उलझे हुए हैं। बीजेपी के साथ ही कांग्रेस का भी कहना है कि दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है और उन्हें पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
आबकारी नीति के मामले में जांच एजेंसी सीबीआई मनीष सिसोदिया के घर और उनके गाजियाबाद के पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच में स्थित उनके बैंक लॉकर को भी खंगाल चुकी है। सिसोदिया का कहना है कि सीबीआई को छापेमारी में कुछ नहीं मिला। सिसोदिया ने कहा है कि सीबीआई उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है।