पुरानी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी इलाक़े के लालकुआँ में स्कूटी खड़ी करने को लेकर हुए विवाद ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि समुदाय विशेष के लोगों ने एक धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ की है। हालाँकि अभी इस दावे की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि यह किन लोगों ने किया है। सोमवार को दिनभर इलाके़ में तनाव रहा। इलाक़े के बड़े-बुजुर्गों और पुलिस ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने और अफ़वाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
ख़बरों के मुताबिक़, पार्किंग विवाद का झगड़ा बढ़ने के बाद कई लोग घायल हुए हैं। सोमवार को इलाक़े के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस से धार्मिक स्थल को नुक़सान पहुँचाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की। शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरे इलाक़े में पुलिस तैनात कर दी गई है।
इलाक़े के डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने इस घटना पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ‘हौज़ क़ाज़ी इलाक़े में पार्किंग को लेकर दो समुदायों के बीच थोड़ी सी बहस और झगड़े के बाद तनाव का माहौल है। पुलिस ने मामले में क़ानूनी कार्रवाई की है और हालात को सामान्य करने के लिए क़दम उठाए हैं। लोग भी इस काम में पुलिस की सहायता करें।’
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, यह झगड़ा रविवार रात को लालकुआँ इलाक़े की दुर्गा मंदिर गली में रात 10.30 बजे तब शुरू हुआ जब फलों के कारोबारी संजीव गुप्ता की उनके घर के बाहर मोटरसाइकिल खड़ी करने को लेकर आस मोहम्मद के साथ बहस हुई। संजीव गुप्ता की पत्नी बबीता ने कहा कि आस मोहम्मद ने उनके पति को गालियाँ दीं। बबीता ने कहा कि विरोध करने पर आस मोहम्मद इसके गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर चला गया।
थोड़ी ही देर बाद 20-25 लड़कों का एक ग्रुप गुप्ता के बाहर पहुँचा और उन पर हमला कर दिया। अख़बार के मुताबिक़, गुप्ता के घर पर शराब की बोतलों और पत्थरों से हमला किया गया। इसके बाद बबीता ने पुलिस को फ़ोन किया।
थोड़ी ही देर में हौज़ क़ाज़ी थाने की पुलिस मौक़े पर पहुँची और गुप्ता और आस मोहम्मद को हिरासत में ले लिया। जब पुलिस उन दोनों से पूछताछ कर रही थी तभी एक वॉट्स ऐप ग्रुप पर यह अफ़वाह फैल गई कि चोट लगने के कारण आस मोहम्मद की मौत हो गई है। इसके बाद क़रीब 200 लोग पुलिस थाने पर पहुँचे और उसका शव देने की माँग करने लगे। अख़बार के मुताबिक़, बाद में इन भीड़ ने एक धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ की। इस मामले में दोनों ओर से एफ़आईआर दर्ज कराई गई हैं।
अख़बार के मुताबिक़, सोमवार को लगभग 2 बजे एक बार फिर दूसरे समुदाय की ओर से पत्थरबाज़ी शुरू कर दी गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो हुड़दंगी भाग गए। कुछ लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
बता दें कि इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं। इंडिया टुडे के मुताबिक़, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दिख रहा है कि पार्किंग के विवाद में कुछ लोग किसी आदमी को पीट रहे हैं। जबकि एनडीटीवी के मुताबिक़, इलाक़े में रहने वाले 27 साल के साक़िब ने बताया कि आस मोहम्मद को पीटे जाने के बाद उसके परिवार वाले पुलिस थाने पहुँचे और मामला दर्ज कराया।
एनडीटीवी के मुताबिक़, इलाक़े के ही 25 साल के आक़िब हसन ने बताया कि जब आस मोहम्मद ने अपनी स्कूटी को पार्क किया तो गुप्ता ने उससे कहा कि वह इसे कहीं और पार्क करे वरना वह इसे आग लगा देगा। इसके बाद दोनों में झगड़ा शुरू हुआ। एनडीटीवी के मुताबिक़, साक़िब ने बताया कि इसी बीच इलाक़े के लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी और पुलिस मोहम्मद और गुप्ता दोनों को पुलिस थाने ले गयी।
पुलिस ने मामले को शांत करने के लिए दोनों ही समुदायों के धार्मिक नेताओं को बुलाया है। इलाक़े की अमन कमेटी के संयुक्त सचिव इरशाद अली ने कहा कि हमें इस बात का भरोसा है कि धार्मिक स्थल पर हुए हमले में हमारे पड़ोस के इलाक़े का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं है। अली ने कहा, हालाँकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कुछ बाहरी लोग इसमें शामिल हों। उन्होंने कहा कि हालात को सामान्य होने में समय लगेगा और हमने दोनों समुदायों से शांति रखने की अपील की है।
तनाव के बीच मंगलवार सुबह केंद्रीय मंत्री व चांदनी चौक से सांसद डॉ. हर्ष वर्धन हौज़ क़ाज़ी पहुँचे और हालात का जायजा लिया। बता दें कि यह इलाक़ा हर्ष वर्धन के संसदीय क्षेत्र में आता है। हर्षवर्धन ने कहा कि मंदिर के साथ हुई तोड़फोड़ बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है। मैं लोगों से शांति बनाये रखने की अपील करता हूँ।
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ़्ती मोहम्मद मुकर्रम ने अपील की है कि धर्मस्थल को जो नुक़सान हुआ है, उसे मुसलमान ही ठीक कराएँ। उन्होंने कहा कि इस मामले पर लोग सियासत कर रहे हैं। जिन लोगों ने ग़लती की है उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए। मुफ़्ती मुकर्रम ने कहा कि ज़िम्मेदार लोग दोनों समुदायों के लोगों को आमने-सामने बैठाकर झगड़ा ख़त्म कराने की कोशिश करें।