जेएनयू में लगे ‘शरजील इमाम जिंदाबाद’ के नारे, वीडियो में दावा

12:07 pm Jan 28, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

‘असम को काटकर भारत से अलग कर देंगे’ वाले बयान के बाद चर्चा में आये शरजील इमाम के लिये जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में जिंदाबाद के नारे लगाये जाने का वीडियो सामने आया है। एनडीटीवी के मुताबिक़, सोमवार शाम को जेएनयू में छात्रों ने मार्च निकाला। यह मार्च गंगा ढाबे से शुरू होकर चंद्रभागा हॉस्टल तक निकाला गया। मार्च के दौरान ‘शरजील इमाम जिंदाबाद’ के नारे लगाये गये। 

शरजील इमाम पर अब तक पाँच राज्यों में राजद्रोह का केस दर्ज किया जा चुका है। इन राज्यों में असम, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और दिल्ली शामिल हैं। ‘असम को भारत से अलग करने वाला बयान’ शरजील ने 16 जनवरी को अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्याल में दिया था जबकि बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा की ओर से दावा किया गया था कि शरजील ने यह भाषण शाहीन बाग़ के आंदोलन में दिया था। दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस इमाम की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। 

शरज़ील इमाम के फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर लिखा है कि वह जेएनयू में मॉर्डन इंडियन हिस्ट्री के छात्र हैं। इससे पहले वह आईआईटी बांबे में टीचिंग असिस्टेंट, कोपेनहेगन की आईटी यूनिवर्सिटी में प्रोग्रामर रह चुके हैं। शरज़ील के प्रोफ़ाइल के मुताबिक़, वह वसंत कुंज के दिल्ली पब्लिक स्कूल और पटना के सेंट जेवियर हाई स्कूल में पढ़े हैं। 

शरजील इमाम कुछ समय तक शाहीन बाग़ के आंदोलन से जुड़े थे। शाहीन बाग़ के आंदोलनकारियों के ट्विटर हैंडल से बताया गया है कि शरजील इमाम किसी भी आयोजक कमेटी का सदस्य नहीं है और न ही इस तरह की कोई कमेटी अस्तित्व में है। 

शरजील इमाम का नाम इस महीने की 2 जनवरी को तब अचानक चर्चा में आया था कि जब यह ख़बर आई कि शाहीन बाग़ में चल रहा धरना ख़त्म हो गया है। शरजील इमाम ने अपने फ़ेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि शाहीन बाग़ में चल रहे चक्का जाम को राजनैतिक दलों के लोगों द्वारा हिंसा की आशंका और आंदोलन के राजनीतिकरण से बचने के लिए वापस ले लिया है। लेकिन इसका इस आंदोलन से जुड़े लोगों ने खंडन किया था और आंदोलन को जारी रखा था।