सीबीआई ने बुधवार को आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। उसने उन्हें राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेश किया और अपनी कस्टडी में पूछताछ की अनुमति मांगी। कोर्ट ने उसे यह अनुमति दे दी है। दूसरी तरफ केजरीवाल के मामले की 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई है। लेकिन वहां केजरीवाल के वकील ने अब कहा है कि वो नई जमानत अर्जी दाखिल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इसकी अनुमति दे दी।
दिल्ली हाईकोर्ट में मंगलवार को जैसे ही दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल की जमानत नहीं मिलने की पुष्टि हुई, उसके तुरंत बाद सीबीआई सक्रिय हो गई थी। दिल्ली की नई शराब नीति, जो खत्म हो चुकी है, उस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। इस मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई की सक्रियता सामने आई है। मिलाकर यह साफ हो गया कि केजरीवाल को जेल से बाहर न आने देने के लिए पूरी रणनीति बनाई गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने मंगलवार को तिहाड़ जेल में केजरीवाल से पूछताछ की। सीबीआई केजरीवाल की कस्टडी अपने पास मांगने के लिए बुधवार 26 जून को अदालत में गई। उसने केजरीवाल को राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेश किया। केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। तभी से वो जेल में हैं। बीच में वो कुछ समय के लिए बाहर आए थे।
केजरीवाल को जेल से बाहर नहीं निकलने देने को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। तमाम लोगों ने लिखा है कि यही अघोषित आपातकाल है। लोगों ने कहा कि भाजपा और मोदी एक तरफ तो इंदिरा गांधी के 50 साल पुराने आपातकाल को आज भी याद कर रहे हैं लेकिन 25 जून 2024 को भी तो मोदी सरकार की सीबीआई ने तिहाड़ में केजरीवाल को अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ की। केजरीवाल पहले से गिरफ्तार हैं और अब उन्हें जेल में बनाए रखने के लिए सीबीआई ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया है।
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो पोस्ट में आरोप लगाया, "जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की संभावना थी, तभी केंद्र सरकार ने सीबीआई के साथ मिलकर साजिश रची... झूठा मामला बनाओ और गिरफ्तार करो… पूरा देश केंद्र द्वारा इस अपराध, इस अत्याचार को देख रहा है।”
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी और कहा था कि वैकेशन जज ने 20 जून को दूसरे पक्षों द्वारा रिकॉर्ड पर लाई गई पूरी सामग्री को देखे बिना उन्हें जमानत दे दी। यह सही नहीं है। निचली कोर्ट ने तथ्यों को देखा ही नहीं। हालांकि हाईकोर्ट के जज सुधीर कुमार जैन ने यह भी कहा कि उनके आदेश में किसी भी बात को ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की मुख्य याचिका की योग्यता पर एक राय या टिप्पणी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। यह मामला अब 10 जुलाई को सुना जाएगा।
ट्रायल कोर्ट के आदेश को जैसे ही हाईकोर्ट ने स्टे किया, केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में वैकेशन बेंच के जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी कहा था कि वह हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। अब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुनवाई है।
सुप्रीम कोर्ट में अब बुधवार को नए हालात पैदा हो सकते हैं। मसलन अगर सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल को जमानत देता है तो केजरीवाल को सीबीआई अपनी कस्टडी में लेने को तैयार है। सीबीआई बुधवार को ही इसकी मांग करने अदालत जा रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से जमानत का कोई मतलब नहीं रह पाएगा।