दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 2,137 मामले सामने आए हैं। यह अब तक का 1 दिन में सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले गुरुवार को 1,877 मामले सामने आए थे। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों की संख्या 36,824 हो गई है और अब तक 1,214 लोगों की मौत हो चुकी है।
कुल संक्रमित लोगों में से 22,212 एक्टिव केस हैं जबकि 13,398 लोग ठीक हो चुके हैं।
दिल्ली में अभी 222 इलाक़ों को कंटेनमेंट ज़ोन बनाया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि अगले दो हफ़्तों में संक्रमण के कुल मामले 56 हज़ार से ज़्यादा हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी शुक्रवार को दिल्ली सरकार को जोरदार फटकार लगाते हुए कहा था कि राजधानी में कोरोना के मरीजों का इलाज जानवरों से भी बदतर ढंग से हो रहा है। शीर्ष अदालत की तीन जजों की बेंच ने कोरोना मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाहियों का स्वत: संज्ञान लिया है।
बेंच में शामिल जस्टिस एम.आर. शाह ने कहा था, ‘एक मामले में तो शव कूड़ेदान में मिला। यह क्या हो रहा है।’ अदालत ने अरविंद केजरीवाल सरकार से कहा कि वह कोरोना वायरस की टेस्टिंग कम क्यों हो रही है, इस बारे में जवाब दे।
कुछ दिन पहले ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि कोरोना संक्रमण के मामले इसी रफ़्तार के साथ बढ़ते रहे तो 31 जुलाई तक राजधानी में संक्रमण के मामलों की संख्या 5.5 लाख तक पहुंच सकती है और इसके लिए 80 हज़ार बेड्स की ज़रूरत होगी।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने हाल ही में कहा था कि राजधानी में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है लेकिन केंद्र सरकार जब इसे आधिकारिक तौर पर घोषित करेगी तभी इसे माना जाएगा। उन्होंने कहा कि राजधानी में लगभग आधे केस ऐसे आ रहे हैं जिसमें लोगों को यह नहीं पता चल रहा है कि उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण कहां से हुआ है।