विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन मामले में पूर्व टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ईडी ने मंगलवार 2 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी उन्हें इससे पहले तीन समन भी भेज चुकी है।
ईडी ने कथित सवाल पूछने के बदले नकद रुपये लेने के मामले में सीबीआई की एफआईआर के आधार पर यह मामला दर्ज किया है। उनके साथ ही व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले ईडी ने फेमा से जुड़े एक मामले में तीसरा समन भेजकर महुआ मोइत्रा को 28 मार्च को पेश होने को कहा था लेकिन महुआ ने चुनाव प्रचार में व्यस्त होने का हवाला देकर ईडी के समक्ष पेश होने से इंकार कर दिया था।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि, एक सूत्र ने बताया कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। महुआ मोइत्रा पर हीरानंदानी की ओर से सवाल पूछने के लिए नकद लेने का आरोप लगाया गया है।
27 अक्टूबर को द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में, महुआ मोइत्रा ने स्वीकार किया था कि उन्होंने हीरानंदानी को अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड का विवरण दिया था, लेकिन उनसे कोई नकद नहीं लिया था। महुआ ने नकद लेने से इनकार किया था। सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने सीबीआई को अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि महुआ ने इसके लिए नकद रुपये लिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि लोकपाल द्वारा मामले में औपचारिक जांच का आदेश दिए जाने के कुछ दिनों बाद सीबीआई ने पिछले महीने मोइत्रा और हीरानंदानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने लोकसभा के लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला है।
इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट कहती है कि लोकपाल ने केंद्रीय एजेंसी को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट की एक प्रति सौंपने को कहा था।
एक सूत्र ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में मोइत्रा और हीरानंदानी को पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन आधिकारिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उन्होंने अब तक गवाही नहीं दी है।
अक्टूबर 2023 में, कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों में तब गंभीर मोड़ आया था जब हीरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति को दिए एक हलफनामे में दावा किया कि मोइत्रा ने उन्हें अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड प्रदान किया था ताकि वह सीधे उन पर “प्रश्न पोस्ट” कर सकें।
वहीं महुआ मोइत्रा ने इस पत्र को ''मजाक'' बताया था और कहा था कि ''इस पत्र का मसौदा पीएमओ द्वारा भेजा गया था और उन्हें (दर्शन हीरानंदानी को ) इस पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था।
संसदीय आचार समिति की रिपोर्ट के बाद पिछले वर्ष 8 दिसंबर को महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद रह चुकी हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में टीएमसी उन्हें इसी निर्वाचन क्षेत्र से एक बार फिर मैदान में उतारा है।