दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राजधानी में कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है लेकिन केंद्र सरकार जब इसे आधिकारिक तौर पर घोषित करेगी तभी इसे माना जाएगा।
जैन ने मंगलवार को कहा, ‘कम्युनिटी स्प्रेड तब होता है जब आपको किसी व्यक्ति के संक्रमित होने का सोर्स पता नहीं चल पाता है, अब दिल्ली में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें सोर्स का पता नहीं चल पा रहा है।’ उन्होंने कहा कि एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी कहा है कि दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है लेकिन केंद्र सरकार इसे नहीं मान रही है।
जैन ने कहा कि राजधानी में लगभग आधे केस ऐसे आ रहे हैं जिसमें लोगों को यह नहीं पता चल रहा है कि उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण कहां से हुआ है और यही कम्युनिटी स्प्रेड है। स्वास्थ्य मंत्री के बयान का सीधा मतलब है कि इन हालात में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले और बढ़ सकते हैं।
दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक पैनल ने भी कहा है कि दिल्ली में इस महीने के आख़िर में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या 1 लाख तक पहुँच सकती है और इसके लिए अस्पतालों में 15 हज़ार अतिरिक्त बेड की ज़रूरत होगी। इसके अलावा जुलाई के मध्य तक क़रीब 42000 अतिरिक्त बेड चाहिए होंगे। दिल्ली में संक्रमण के अब तक 29, 943 मामले सामने आए हैं और 874 लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली के अलावा जिस रफ़्तार से कोरोना संक्रमण के मामले मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद में बढ़े हैं, उससे बार-बार यह सवाल खड़ा होता है कि क्या भारत में कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है। लेकिन केंद्र सरकार इसे मानने से लगातार इनकार कर रही है। संक्रमण के बेतहाशा बढ़ते मामलों का आलम यह है कि भारत सर्वाधिक संक्रमित देशों की सूची में शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है।