मतगणना के रुझानों ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा की जीत का संकेत दिया है। अगला बड़ा सवाल जो सामने है वह अगले मुख्यमंत्री का है। हालांकि फैसला होने में अभी कई दिन लगेंगे। शनिवार शाम 7 बजे पीएम मोदी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। पार्टी इसके बाद पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी, जो विधायकों से मिलेंगे। .यह सिर्फ औपचारिकता है। पार्टी आलाकमान जिसका नाम तय करेंगे, वही सीएम होगा। पार्टी आलाकमान राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में ऐसा सरप्राइज दे चुकी है।
चंद नाम जो सामने आ रहे हैं उनमें प्रवेश वर्मा, सांसद बांसुरी स्वराज और रमेश बिधूड़ी के नाम हैं। इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय प्रवेश वर्मा चुनाव जीत चुके हैं। प्रवेश वर्मा को केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी आलाकमान नंबर 2 अमित शाह का आदमी माना जाता है। जाट आंदोलन, यूपी-हरियाणा-राजस्थान चुनाव, किसान आंदोलन के दौरान अमित शाह प्रवेश वर्मा की ड्यूटी लगाते रहे हैं। पश्चिमी यूपी के प्रमुख नेता जयंत चौधरी (आरएलडी) को एनडीए गठबंधन में लाने का श्रेय प्रवेश वर्मा को दिया जाता है। यह प्रवेश वर्मा थे, जिन्होंने जयंत की मुलाकात अमित शाह से कराई थी।
नई दिल्ली सीट पर केजरीवाल को हराने के फौरन बाद प्रवेश वर्मा ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से जाकर मुलाकात भी कर ली है। प्रवेश वर्मा बीजेपी के प्रमुख जाट नेताओं में माने जाते हैं। उनके पिता साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के सीएम रह चुके हैं। इस आधार पर प्रवेश वर्मा का दावा मजबूत लग रहा है।
हालांकि प्रवेश वर्मा अपने विवादित बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। कुछ मामले अदालत तक भी पहुंचे और अदालत ने टिप्पणियां भी कीं। इस चुनाव के दौरान भी उन पर कई आरोप लगे।
चुनाव जीतने के बाद प्रवेश वर्मा ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने एक्स पर लिखा- अंधेरा छट गया/ सूरज निकल गया/ कमल खिल गया। ...दिल्ली ने विकास चुना है। ये जीत दिल्ली के विश्वास की है, ये जीत दिल्ली के भविष्य की है, मैं हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और भारतीय जनता पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता की मेहनत और दिल्ली की जनता के विश्वास का आभारी हूं। दिल्ली के इस नए सवेरे के लिए समस्त दिल्लीवासियों को बधाई!
भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी हालांकि कालकाजी सीट से हार गये हैं। लेकिन दिल्ली में पार्टी के शीर्ष पद की दौड़ में शामिल नेताओं में से उन्हें एक माना जाता है। अगर पार्टी ने उन्हें सीएम बनाना चाहा तो दिल्ली की किसी सीट को खाली करवाकर उन्हें उपचुनाव लड़वाया जा सकता है। उन्होंने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि वह व्यक्तिगत लाभ या मुख्यमंत्री बनने के लिए खेल में नहीं हैं, बल्कि वास्तव में लोगों की सेवा करना चाहते हैं।
रमेश बिधूड़ी का दावा है कि पिछले एक दशक में AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को तबाह कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में लौटने की ओर अग्रसर है, क्योंकि भारत के चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि बीजेपी ने सुबह से ही निर्णायक बढ़त बना ली थी। हालांकि आप अभी भी तगड़ी टक्कर दे रही है। इस चुनाव में सबसे बुरा हाल कांग्रेस का हुआ है। जिसे एक भी सीट मिलने की उम्मीद फिलहाल नहीं लग रही है।
नतीजों के बारे में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा से जब पूछा गया तो उनका जवाब था कि उन्होंने नतीजे अभी देखे नहीं है। वोटों की गिनती के दौरान ही नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित ने हार स्वीकार कर ली। दीक्षित को 3100 वोट मिले।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)