दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का सामान सिविल लाइन्स आवास से कथित तौर पर जबरन हटा दिया गया। वह दो दिन पहले ही सीएम आवास में रहने गई थीं। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली की मुख्यमंत्री का सामान सिविल लाइंस स्थित उनके सरकारी आवास से बाहर फेंक दिया गया। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी दावा किया कि यह कदम मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कब्जा करने की भाजपा की योजना का हिस्सा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास के कब्जे को लेकर चल रहे विवाद में तब नया मोड़ आ गया जब बुधवार को सीएम आतिशी को सिविल लाइंस स्थित अपने घर से अपना निजी सामान हटाने के लिए कह दिया गया। इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।
पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पिछले हफ्ते तक सिविल लाइंस स्थित इस घर में रह रहे थे और अपने पद से इस्तीफा देने के करीब तीन हफ्ते बाद उन्होंने इसे खाली कर दिया। इस आवास में आतिशी दो दिन पहले ही शिफ्ट हुई थीं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार लोक निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि घर को सील कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक, आतिशी के पास घर की चाबियां थीं, लेकिन उन्हें परिसर के लिए आधिकारिक आवंटन पत्र नहीं दिया गया था।
दिल्ली में सीएम के आधिकारिक निवास के तौर पर कोई तय घर नहीं है। केजरीवाल 2015 से इस घर में रह रहे हैं। 2020-21 में इस घर का पुनर्निर्माण किया गया। इसी पुनर्निर्माण से जुड़ी लागत को लेकर विवाद भी हुआ था।
सीएम कार्यालय ने एक बयान में कहा, 'देश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री को अपना घर खाली करने के लिए कहा गया है। एलजी ने भाजपा के इशारे पर सीएम आतिशी का सामान जबरन हटवाया है। एलजी की ओर से सीएम आवास को भाजपा के एक बड़े नेता को आवंटित करने की तैयारी चल रही है। 27 साल से दिल्ली में वनवास काट रही भाजपा अब सीएम आवास पर कब्जा करना चाहती है।'
सिविल लाइन्स स्थित 6, फ्लैगस्टाफ रोड के बाहर वीडियो फुटेज में सरकारी आवास से कई डिब्बे और सामान बाहर निकाले जाते हुए और लोक निर्माण विभाग की एक टीम वहां पहुंचती हुई दिखाई देती है।
आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, 'बीजेपी 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर है और इसके परिणामस्वरूप, वे जनता से चुनावी समर्थन हासिल करने में असमर्थता के कारण कथित तौर पर सीएम के आवास पर दावा करने का प्रयास कर रहे हैं।' इससे पहले दिन में भी संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि अधिकारी मुख्यमंत्री आतिशी को बंगला आवंटित नहीं कर रहे हैं और वहां उनका कैंप कार्यालय भी खाली करा दिया गया है।
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि बुधवार सुबह करीब 11-11.30 बजे पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की एक टीम सिविल लाइंस के फ्लैगस्टाफ रोड स्थित सीएम आवास पर पहुंची और दोपहर तक उन्हें घर की चाबियां मिल गईं। सतर्कता निदेशालय ने लोक निर्माण विभाग के निर्देशों के बावजूद घर की चाबियां न सौंपने के लिए केजरीवाल के विशेष सचिव समेत तीन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिन दो अन्य अधिकारियों को नोटिस दिया गया है, वे केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान सीएम कैंप कार्यालय में तैनात अनुभाग अधिकारी हैं। अधिकारियों को सात दिनों के भीतर अपना जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
बीजेपी द्वारा इसके निर्माण और जीर्णोद्धार में घोर अनियमितताओं और लागत में वृद्धि का आरोप लगाने के बाद पिछले एक साल से मुख्यमंत्री का आवास जांच के दायरे में है। इसके बाद, सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की थी और करीब 10 पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्यवाही और निलंबन का सामना करना पड़ा था। केंद्रीय जांच ब्यूरो भी मामले की जांच कर रहा है।
8 अक्टूबर को जारी अपने कारण बताओ नोटिस में सतर्कता विभाग ने कहा, '6 फ्लैग स्टाफ रोड पर उस भवन को कभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है…जबकि, यह मामला सीपीडब्ल्यूडी, सीबीआई के साथ-साथ सतर्कता निदेशालय, जीएनसीटीडी की जांच के अधीन है। …यह बंगला पहले तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को आवंटित किया गया था और वे अपने परिवार के साथ वहां रह रहे थे।'