पिछले वर्ष उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान बचाने वाले 12 रैट माइनर में से एक रैट माइनर वकील हसन के दिल्ली स्थित मकान को बुलडोजर से ढहा दिया गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण या डीडीए ने यह कार्रवाई की है।
वकील हसन का मकान दिल्ली के खजूरी खास स्थित श्रीराम कॉलोनी में था। डीडीए का कहना है कि यह जमीन उसकी है और वकील हसन का मकान इस जमीन पर अवैध रूप से बना हुआ था।
वकील हसन ने आरोप लगाया है कि डीडीए ने बिना किसी नोटिस के ही उनके मकान पर बुलडोजर चला कर तोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि, मैंने 2013 में अपना यह मकान खरीदा था, इसकी रजिस्ट्री 1987 में ही हुई थी, इसके बावजूद प्रशासन ने उनके मकान को ढहा दिया है।
रैट माइनर वकील हसन ने आरोप लगाया है कि इस पूरी कॉलोनी में डीडीए ने सिर्फ मेरा मकान ही तोड़ा है। उनका आरोप है कि डीडीए के लोग लगातार मुझसे पैसों की मांग कर रहे थे। एक बार मैंने पैसा भी दिया था, लेकिन अब मेरे पास देने के लिए पैसे नहीं थे। इसके कारण ही मेरे मकान को तोड़ा दिया गया।
रैट माइनर वकील हसन ने इससे पहले केंद्र सरकार और डीडीए से अपील की थी कि सरकार अगर उन्हें उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की जान बचाने के लिए कोई इनाम देना चाहती है तो डीडीए की भूमि पर बने उनके मकान को नहीं तोड़ा जाए।
वकील हसन ने कहा है बुधवार को जब डीडीए ने यह कार्रवाई की तब वह और उनकी पत्नी अपने घर से बाहर थे। घर पर उनके छोटे-छोटे बच्चे थे। उनकी गैर मौजूदगी में बच्चों ने काफी आरजू-मिन्नते करते हुए डीडीए के लोगों को कहा कि पापा के आने तक कम से कम घर न तोड़े लेकिन देखते-देखते मेरे मकान को बुलडोजर से तोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा है कि मेरी यही एक संपति थी, जिसे तोड़ दिया गया। अब हमारे पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है। ऐसे में मेरी सरकार से मांग है कि मेरा घर मुझे दिया जाए। हमारी पूरी कॉलोनी ही अवैध तरीके से बसी हुई है लेकिन डीडीए ने सिर्फ मेरा मकान तोड़ा है। जानबूझकर मुझे टारगेट किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि, डीडीए के लोगों को दुबारा पैसे नहीं देने पर यह कार्रवाई हुई है। सरकार ने भरोसा दिलाया था कि मेरे घर को नहीं छुआ जायेगा लेकिन अब मुझसे मेरा घर छीन लिया गया है।
वहीं इस कार्रवाई पर दिल्ली विकास प्राधिकरण या डीडीए ने कहा है कि 28 फरवरी को खजूरी खास गांव में अपनी अधिग्रहीत भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए डीडीए द्वारा एक अभियान चलाया गया था। जिस जमीन पर से अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया गया है वह डेवलपमेंट लैंड का हिस्सा है। सभी नियमों और कानूनों का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाया गया है।