यमुना साफ़ करते अधिकारी से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा की बदसलूकी!

06:29 pm Oct 28, 2022 | सत्य ब्यूरो

पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें वह एक अधिकारी से बदतमीजी से बात करते हुए नज़र आ रहे हैं। उस वीडियो में वह अधिकारी के साथ तीखी बहस करते हैं और उन्हें बेशर्म और घटिया आदमी कहते हुए नज़र आते हैं। 

सोशल मीडिया पर लोग सांसद की भाषा को लेकर आपत्ति जता रहे हैं। ट्विटर पर लोगों ने कहा है कि क्या ऐसी भाषा एक सांसद की हो सकती है। 

दरअसल, यह पूरा मामला दिल्ली में छठ पूजा की तैयारी को लेकर है। छठ पूजा से पहले यमुना नदी में तैरते झागों को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर दिल्ली सरकार पर हमला किया है। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल सरकार पर यमुना के पानी में केमिकल डालकर उसे जहरीला करने का अरोप लगाया है। 

नदी की सतह पर तैरते झागों को ख़त्म करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा नदी के पानी की सतह पर केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। शुक्रवार को प्रवेश वर्मा अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ एक घाट पर पहुँच गए। सांसद पर आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को धमकाते हुए बदतमीजी से बात की और काम रोकने को कहा।

इस दौरान सांसद और अधिकारी के बीच में जो बहस हुई उसे लोगों ने कैमरे पर रिकॉर्ड कर लिया। उस वीडियो में सांसद बेहद ग़ुस्से में और तल्ख टिप्पणी करते नज़र आते हैं। इस वीडियो को साझा करते हुए लोग सांसद की भाषा पर आपत्ति जता रहे हैं।

हालाँकि उस दौरान का एक और वीडियो सामने आया है और उसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स सांसद को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो के साथ एक यूज़र ने लिखा है कि सांसद राजनीति करने पहुँचे तो लोगों ने खरी-खोटी सुना दी। 

वीडियो में स्थानीय लोगों ने दिल्ली सरकार के अफसरों को धमकाने पर बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा को टोका। उसने सांसद के कई दावों को खारिज कर दिया और अधिकारी का बचाव किया।

इस मामले में अपनी सफाई देते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा कि आज यमुना के पास छठ घाट का दौरा करने पर हमें वहाँ जहरीले केमिकल के कंटेनर मिले, इस केमिकल को नदी में डाला जाएगा। एएनआई से वर्मा ने कहा, 'वहां मौजूद अधिकारी से पूछा कि लोगों को नुक़सान के लिए कौन जिम्मेदार होगा। मैंने उनसे बार-बार कहा कि यमुना नदी में केमिकल न डालें। अगर अधिकारी इस मामले में मेरी बात नहीं सुनते हैं तो मैं नाराज कैसे नहीं हो सकता। दिल्ली की जनता के हित के लिए अगर मुझे इस तरह से बात करनी पड़े तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है, यही सही है।'