दिल्ली हिंसा में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के 'भड़काऊ भाषण' को लेकर बीजेपी के ही नेता गौतम गंभीर ने इशारों-इशारों में आलोचना की है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा है कि भड़काऊ भाषण देने वाले के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उनकी यह टिप्पणी उस मामले में आई है जिसमें कहा जा रहा है कि कपिल मिश्रा के भाषण के एक दिन बाद जाफराबाद-मौजपुर में हिंसा भड़की। हिंसा में कम से कम सात लोगों की मौत हो चुकी है और क़रीब 100 लोग घायल हो गए हैं। अभी भी हिंसा रुकी नहीं है।
गंभीर पत्रकारों के सवाल को लेकर जवाब दे रहे थे। इसी हिंसा के बीच गौतम गंभीर ने कहा, 'यह मायने नहीं रखता कि यह कपिल मिश्रा है या कोई दूसरा, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़ा हो। यदि उसने कोई भड़काऊ भाषण दिया है तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।'
दिल्ली हिंसा के बाद सवाल उठता रहा है कि नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ जाफराबाद में शांतिपूर्वक प्रदर्शन में आख़िर ऐसा क्या हो गया कि इतने बड़े स्तर पर हिंसा हो गई और एक पुलिसकर्मी सहित सात लोगों की मौत हो गई? सड़क पर बैठ कर किया जा रहा यह प्रदर्शन रविवार को तब तक शांतिपूर्ण था जब तक कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने प्रदर्शनकारियों के विरोध में वहाँ नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली नहीं निकाली थी। मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ जब रैली निकाली तो उस दौरान नागरिकता क़ानून का विरोध करने वालों के साथ झड़प हुई। दोनों ओर से पत्थरबाज़ी हुई। मिश्रा ने वीडियो जारी किया और फिर प्रदर्शनकारियों को धमकी भी दी। यह सब पुलिस के सामने हुआ।
बता दें कि रविवार को कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन वाली जगह पर इकट्ठा हुए थे। वहाँ भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात था। उस दौरान का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि एक पुलिस अफ़सर के बगल में खड़े कपिल मिश्रा वहाँ पर धमकी देते हैं। वह पुलिस अफ़सर को संबोधित करते हुए कहते हैं, '...आप सबके (समर्थक) बिहाफ़ पर यह बात कह रहा हूँ, ट्रंप के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे यदि रास्ते खाली नहीं हुए तो... ठीक है?' कपिल मिश्रा के इस बयान की तीखी आलोचना हो रही है और कहा जा रहा है कि यह भाषण भड़काऊ था। बता दें कि इसके अगले ही दिन हिंसा हो गई थी।