दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शनिवार को एक शख़्स ने रोड शो के दौरान थप्पड़ जड़ दिया। उस दौरान केजरीवाल नई दिल्ली लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ब्रजेश गोयल के लिए मोतीनगर इलाक़े में खुली गाड़ी में रोड शो कर रहे थे। थप्पड़ मारने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उस शख़्स को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। थप्पड़ मारने वाले शख़्स का नाम सुरेश बताया जा रहा है और वह दिल्ली के कैलाश पार्क इलाक़े का रहने वाला है। फ़िलहाल पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। बता दें कि केजरीवाल पर पहले भी हमले हो चुके हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि क्या मोदी और अमित शाह अब केजरीवाल की हत्या करवाना चाहते हैं 5 साल सारी ताक़त लगाकर जिसका मनोबल नहीं तोड़ सके, चुनाव में नहीं हरा सके..अब उसे रास्ते से इस तरह हटाना चाहते हो कायरों! ये केजरीवाल ही तुम्हारा काल है। आम आदमी पार्टी ने इसे विपक्ष द्वारा प्रायोजित घटना करार देते हुए कहा है कि हम इस कायराना हरक़त की निंदा करते हैं और इससे दिल्ली में आम आदमी पार्टी को रोका नहीं जा सकेगा।
दिल्ली के पूर्व मंत्री और ‘आप’ के बाग़ी विधायक कपिल मिश्रा ने इस घटना के लिए केजरीवाल को ही ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सारी दिल्ली को पता था कि केजरीवाल ख़ुद को पिटवाएँगे।
पिछले साल नवंबर में केजरीवाल पर एक शख़्स ने मिर्च पाउडर से हमला कर दिया था। यह घटना सुरक्षित माने जाने वाले दिल्ली सचिवालय में हुई थी। मिर्च पाउडर फेंकने वाले शख़्स का नाम अनिल था। अनिल ने केजरीवाल के साथ धक्का-मुक्की भी की थी। जनवरी, 2016 में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक महिला ने स्याही फेंक दी थी। दिसंबर 2014 में दिल्ली में रैली के दौरान केजरीवाल पर अंडे फेंके गए थे और उसी दौरान दिल्ली में रोड शो के दौरान केजरीवाल को एक ऑटो ड्राइवर ने थप्पड़ मारा था। 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान ही वाराणसी में कुछ लोगों ने केजरीवाल पर अंडे और स्याही फेंकी थी।
अब सवाल यह है कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगर चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री पर इस तरह हमले हो रहे हैं तो आम आदमी की यहाँ क्या सुरक्षा है, इसे आसानी से समझा जा सकता है। केजरीवाल पर पहले हुए हमलों को देखते हुए उनकी सुरक्षा को मज़बूत किया जाना चाहिए था। केजरीवाल पर हुए हमले के बाद दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े होना लाज़िमी है क्योंकि राजधानी के करोड़ों लोगों की सुरक्षा का ज़िम्मा पुलिस पर ही है। लेकिन मुख्यमंत्री पर कई बार हमला होने के बाद यहाँ आम आदमी की सुरक्षा का अंदाजा अपने आप ही लगाया जा सकता है।