दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। अब आतिशी के दिल्ली की तीसरी महिला सीएम बनने का रास्ता साफ हो गया। इसके साथ ही आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश भी कर दिया।
सीएम पद की उम्मीदवार आतिशी ने आम आदमी पार्टी के विधायकों का समर्थन पत्र एलजी वीके सक्सेना को सौंप दिया। पार्टी सदस्यों द्वारा उन्हें सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने के बाद भावुक आतिशी ने केजरीवाल को उन पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसे अवसर आप के लिए अद्वितीय हैं, जहां पहली बार राजनेता इस स्तर तक पहुंच सकता है। उन्होंने निवर्तमान मुख्यमंत्री में पार्टी के भरोसे को भी दोहराया और कहा, 'दिल्ली में केवल एक ही सीएम है और उनका नाम अरविंद केजरीवाल है।'
इससे पहले मंगलवार को ही आप ने कहा कि आतिशी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है। वे अगले विधानसभा चुनाव तक केजरीवाल की जगह लेंगी। चुनाव फरवरी में होने वाला है। हालांकि, केजरीवाल ने जल्द चुनाव कराने की बात कही है, शायद अगले महीने ही।
इसके तुरंत बाद आतिशी ने कहा कि केजरीवाल की वापसी उनकी सरकार और आप के सभी विधायकों का लक्ष्य होगा। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि 'अपने बेटे, अपने भाई को फिर से मुख्यमंत्री बनाएं'। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की 'साजिशों' से आप को बचाने का भी संकल्प लिया और विपक्षी पार्टी पर चुनाव से पहले केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ 'फ़र्जी आरोप' लगाने का आरोप लगाया।
आतिशी की नियुक्ति पर दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'आतिशी को यह जिम्मेदारी कठिन समय में दी गई है। सरकार को अस्थिर करने के लिए आप के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा था। आप ने इन प्रयासों को विफल कर दिया है।' उन्होंने कहा कि आप की स्थापना के समय से ही पार्टी से जुड़ी आतिशी की दो प्रमुख जिम्मेदारियां हैं- दिल्ली के दो करोड़ लोगों के लिए काम करना और भाजपा की साजिशों को रोकना। पिछले सप्ताह शराब नीति मामले में जमानत पाने वाले केजरीवाल ने 15 सितंबर को यह घोषणा करके दिल्ली के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी कि वह दो दिन में इस्तीफा दे देंगे।
भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व सीएम ने तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया।
केजरीवाल ने कहा कि वह तभी सत्ता में लौटेंगे जब दिल्ली के लोग उनकी बेगुनाही साबित कर देंगे क्योंकि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में हर वोट उनकी ईमानदारी का प्रमाणपत्र होगा।
विपक्षी नेताओं ने आतिशी को मुख्यमंत्री चुनने के लिए पार्टी की आलोचना की है, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'चेहरा बदलने से आप का चरित्र नहीं बदलता।' आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अपनी ही पार्टी के कदम की आलोचना करते हुए कहा, 'एक महिला जिसका परिवार आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए लड़ा था, उसे मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है।'
बता दें कि आतिशी का पूरा नाम आतिशी मार्लेना सिंह है। 8 जून 1981 को जन्मी आतिशी को अपना मध्य नाम 'मार्लेना' प्रोफेसर माता-पिता विजय सिंह और तृप्ता वाही से मिला। आप के अनुसार, यह नाम मार्क्स और लेनिन का प्रतीक है। यानी मार्लेना दरअसल मार्क्स और लेनिन के नामों को जोड़कर बनाया गया है। हालाँकि जैसे ही दिल्ली के चुनाव नजदीक आए, राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में आतिशी ने रोजाना के जीवन में अपने उपनाम का इस्तेमाल बंद करने और 2018 में अपने नाम के रूप में सिर्फ आतिशी अपनाने का फैसला किया।
आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और पार्टी की नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2015 में उन्होंने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में ऐतिहासिक जल सत्याग्रह में भी भाग लिया और विरोध प्रदर्शन और कानूनी लड़ाई के दौरान आप नेता और कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल को समर्थन दिया। 2020 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आतिशी को दक्षिणी दिल्ली की कालकाजी सीट से टिकट दिया गया था। उन्होंने बीजेपी के धर्मबीर सिंह को 11,000 वोटों से हराया।