बीजेपी के वादे क्या आप के घोषणा-पत्र की नकल; यह भी 'रेवड़ी'?

09:47 pm Jan 17, 2025 | सत्य ब्यूरो

दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी ने शुक्रवार को जो घोषणा पत्र जारी किया है, उस पर कई सवाल उठ रहे हैं। एक सवाल तो अरविंद केजरीवाल ने ही यह कहकर खड़ा कर दिया है कि बीजेपी का घोषणा पत्र आम आदमी पार्टी की योजनाओं की नकल है। दूसरा, सवाल यह है कि क्या बीजेपी की ये घोषणाएँ भी पीएम मोदी द्वारा आलोचना की जाती रही 'मुफ्त की रेवड़ियों' की श्रेणी में आएँगी?

दरअसल, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा दिल्ली के लिए घोषित किए गए बीजेपी के संकल्प पत्र पर दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने ही सवाल खड़े कर दिए। केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि 'मुफ्त की रेवड़ियाँ' यानी फ्रीबीज देश के लिए हानिकारक नहीं हैं, बल्कि 'भगवान का प्रसाद' हैं।

केजरीवाल ने कहा, 'क्या जेपी नड्डा ने आज रेवड़ियों का एलान करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसके बारे में पूछ लिया? क्योंकि नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं, अरविंद केजरीवाल जनता को फ्री रेवड़ियां बाँटकर ग़लत कर रहा है। अगर मोदी जी ने रेवड़ियाँ बांटने को कहा है तो सार्वजनिक रूप से आकर कहें, केजरीवाल सही कर रहा है और मैंने ग़लत बोला।'

आप नेता ने पीएम मोदी पर यह हमला इसलिए किया है कि पीएम मोदी पहले ऐसी घोषणाओं को मुफ़्त की रेवड़ियाँ बाँटना कहकर विपक्षी दल, खासकर, अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते रहे हैं। हालाँकि तब सवाल पूछे जाने लगे थे कि क्या चुनाव पूर्व '15 लाख रुपये हर भारतीय के खाते में डाले जाएँगे' का यह वादा 'मुफ्त की रेवड़ियाँ' बांटना कहा जाएगा या नहीं? ऐन चुनाव से पहले किसानों को 6000 रुपये देने की घोषणा को क्या कहा जाएगा? चुनाव तक मुफ्त राशन योजना को बढ़ाने को क्या कहा जाएगा? और चुनाव के घोषणा पत्र में 3 एलपीजी सिलेंडर मुफ़्त देने, महिलाओं की मुफ़्त बस यात्रा, छात्राओं को स्कूटी, लैपटॉप देने, मछुआरों को 4000 रुपये देने जैसी घोषणाओं को क्या कहा जाएगा? क्या इन्हें फ्रीबीज या मुफ्त की रेवड़ियाँ कहा जा सकता है? 

दिल्ली के लिए भाजपा के घोषणापत्र में क्या?

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। इसमें महिलाओं के लिए 2500 रुपये मासिक सहायता, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2500 रुपये पेंशन का वादा किया गया है।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो दिल्ली में सभी मौजूदा जन कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी। संकल्प पत्र के पहले भाग को जारी करते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र एक विकसित दिल्ली की नींव है।

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा जन कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के सभी आरोपों की जांच की जाएगी।

उन्होंने वादा किया कि बीजेपी की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार अपनी पहली कैबिनेट बैठक में शहर में 'आयुष्मान भारत' को लागू करने को मंजूरी देगी और 5 लाख रुपये का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा भी देगी।

ये घोषणाएँ भी

  • गरीब तबके की महिलाओं को 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर दिया जाएगा। 
  • होली और दिवाली पर एक-एक मुफ्त सिलेंडर दिया जाएगा।
  • मातृ सुरक्षा वंदना में 6 पोषण किट, हर गर्भवती महिला को 21,000 रुपये दिए जाएंगे।
  • 60 से 70 वर्ष के बुजुर्गों की सीनियर सिटीजन पेंशन बढ़ाकर 2,500 कर दी जाएगी।
  • 70 वर्ष से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, बेसहारा महिलाओं की पेंशन 3,000 होगी।

बीजेपी की इन घोषणाओं के बाद अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के संकल्प पत्र को आप की योजनाओं की नकल होने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा, 'बीजेपी अपने वादे भी आम आदमी पार्टी से कॉपी करती है। बीजेपी के पास अपना कोई विज़न नहीं है।'

केजरीवाल ने कहा, 'बीजेपी अपने संकल्प पत्र में और प्रचार में कह रही है कि हम केजरीवाल के कामों को जारी रखेंगे। जब इन्हें हमारे काम ही जारी रखने हैं तो जनता हमें ही चुनेगी। जनता का काम आप ही कर सकती है। बीजेपी का संकल्प पत्र झूठ का पुलिंदा है। इन्होंने दिल्ली की बदहाल क़ानून-व्यवस्था पर एक शब्द नहीं लिखा है।'

आप प्रमुख ने सवाल उठाया, 'बीजेपी ने 2020 में कहा था, जहां झुग्गी वहां मकान। इस बार भी वही ले आए। कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की रजिस्ट्री कराने का वादा किया था। इस बार भी वही ले आए। अब दिल्ली की जनता बीजेपी से पूछ रही है, पिछले दस साल में कानून व्यवस्था, झुग्गियों और पूर्वांचल समाज के लिए आपने क्या काम किया है?'

आप के क्या वादे हैं?

दिल्ली चुनाव के लिए आप ने अब तक महिला सम्मान योजना सहित कई वादे किए हैं। 

  • 18 साल और ज़्यादा उम्र की महिला को हर महीने 2100 रुपये (महिला सम्मान योजना)।
  • 200 यूनिट तक फ्री बिजली जारी रखना
  • महिलाओं को फ्री बस सेवा
  • दिल्ली में फ्री शिक्षा जारी रखना
  • फ्री इलाज जारी रखना
  • 24 घंटे पानी के साथ-साथ अब तक मिलने वाला 20 हजार लीटर फ्री पानी जारी रखना
  • बुजुर्गों को फ्री तीर्थ यात्रा 
  • 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों का प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में फ्री इलाज 

वैसे, इन चुनावी घोषणाओं के बीच 'रेवड़ी' को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, उस पर अदालत की भी पहले टिप्पणी आ चुकी है।

जब अगस्त 2022 में यह मामला आया था तब तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना ने कहा था कि अदालत राजनीतिक दलों को वादे करने से नहीं रोक सकती क्योंकि लोगों की भलाई करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा था कि मुद्दा यह है कि जनता का पैसा सही खर्च करने का सही तरीका क्या है और यह मामला बहुत जटिल है। सुनवाई के दौरान तत्कालीन सीजेआई रमना ने कहा था, 'क्या हम मुफ्त शिक्षा के वादे को फ्रीबीज कह सकते हैं, क्या पीने के मुफ्त पानी, बिजली की न्यूनतम यूनिटों के वादे को फ्रीबीज कहा जा सकता है।' उन्होंने कहा था, 'कुछ लोग कहते हैं कि पैसा बर्बाद हो रहा है कुछ कहते हैं कि यह भलाई के लिए है और अब यह मामला जटिल होता जा रहा है।' बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि एक राजनेता द्वारा 'फ्रीबी' के रूप में किए गए वादे और 'कल्याण योजना' के बीच अंतर करने की ज़रूरत है।

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है।)