राहुल, योगी के बाद केजरीवाल को भी हुई गायों की चिंता

01:49 pm Feb 13, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

राहुल गाँधी, योगी आदित्यनाथ के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी गायों की चिंता होने लगी है। दिल्ली सरकार गायों के लिए ‘पीजी हॉस्टल’ बनाने जा रही है। सरकार इन ‘पीजी हॉस्टल’ को इस तरह बनाएगी कि यहाँ बुज़ुर्ग लोग भी रह सकेंगे। इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने राज्य में गायों के लिए कई योजनाएँ चला चुके हैं। कांग्रेस ने भी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने का वादा किया था।

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के घुम्मनहेड़ा गाँव में ‘पीजी हॉस्टल’ बनाने के लिए जगह खोज ली है। सरकार के पशु स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कहा है कि इन हॉस्टल की मदद से सरकार पशुओं के टीकाकरण के बारे में भी जानकारी रख सकेगी। सरकार की पूरी दिल्ली में 33 गौशालाएँ बनाने और 5 पुरानी गौशालाओं को नए ढंग से बनाने की योजना है।

गाय रखने के लिए देने होंगे पैसे 

इस योजना से उन लोगों को सहूलियत होगी जो गायों को रखना चाहते हैं लेकिन उनके पास इन्हें रखने के लिए जगह नहीं है। साथ ही, इससे ऐसे लोगों की भी पहचान हो सकेगी जो दूध न देने के बाद गायों को छोड़ देते हैं। अगर कोई अपनी गाय को इन पीजी हॉस्टल में रखना चाहता है तो उसके मालिक को पीजी हॉस्टल में गायों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए पैसे देने होंगे। 

पशुओं पर लगेगी माइक्रोचिप

सरकार ने कहा है कि गायों और सभी पालतू पशुओं पर माइक्रोचिप लगाई जाएगी जिससे उनकी सेहत और मालिकों के बारे में जानकारी मिलती रहे। सरकार की योजना है कि दिल्ली में ज़्यादा से ज़्यादा गौशालाएँ बनाई जाएँ। माइक्रोचिप लगाए जाने के बारे में राय ने कहा कि इससे सरकार को यह पता रहेगा कि सड़कों पर कितने आवारा पशु घूम रहे हैं और ये किसके हैं और अगर किसी ने इन्हें यूँ ही छोड़ दिया है तो सरकार इस बारे में आगे की कार्रवाई कर सकेगी। 

272 पशु अस्पताल खोलेगी सरकार 

पशुओं के लिए दिल्ली सरकार की योजना के बारे में बताते हुए रोज़गार और श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार की दिल्ली के सभी 272 वार्डों में पशु अस्पताल खोलने की योजना है। इसके अलावा केजरीवाल सरकार, पशुओं के लिए 24 घंटे चलने वाला एक अस्पताल भी खोलने जा रही है। राय ने कहा कि यह अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है और 16 जनवरी से इसे शुरू किए जाने की संभावना है। 

राय ने बताया कि छोड़े गए पशु-पक्षियों के लिए सरकार हेल्पलाइन भी खोलेगी और सरकार जिला स्तर पर इनकी सुविधाओं का ख्याल रखेगी। इसके अलावा सरकार की पशुओं के लिए 11 पशु क़ब्रिस्तान खोलने की भी योजना है। इनमें पशुओं के अवशेषों को जलाने और पोस्टमार्टम की भी सुविधा होगी। 

लोगों के सुझाव किए जाएँगे शामिल 

राय ने कहा कि अब तक की सरकारों ने जानवरों के कल्याण के कोई योजना नहीं बनाई। हमने इस संबंध में नीति बनाई है और समय-समय पर लोगों के सुझावों को इसमें शामिल किया जाएगा। इसके अलावा बंदरों और आवारा कुत्तों की जनसंख्या बढ़ने से रोकने के लिए भी सरकार इससे संबंधित केंद्र खोलने जा रही है। क्योंकि सरकार का मानना है कि कुत्तों के बंध्याकरण का काम जिस एनजीओ को दिया गया था, वह इस काम को बेहतर ढंग से नहीं कर सकी।