दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वे जहाँ हैं, रहें, कहीं न जाएं, जो मकान मालिक को भाड़ा नहीं दे पाएंगे, उनका घर भाड़ा भी दिल्ली सरकार चुकाएगी।
केजरीवाल ने कहा, 'कई लोग दिल्ली छोड़ कर अपन-अपने घर जा रहे हैं। मैं उन लोगों से हाथ जोड़ कर कहना चाहता हूं कि जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन का एलान किया, उन्होंने कहा, जो जहां है, वही रहे। यह लॉकडाउन का मंत्र है। यदि हम इसे लागू नहीं करेंगे, देश कोरोना वायरस से जंग हार जाएगा।'
इसके पहले केजरीवाल ने लोगों से अपील की थी कि वे दिल्ली छोड़ कर न जाएं, उनके रहने-खाने का इंतजाम राज्य सरकार करेगी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि सबके लिए खाने-पीने का इंतजाम दिल्ली सरकार करेगी और इसके लिए पर्याप्त पैसे हैं।
पूरे दिल्ली-नोएडा में पिछले कुछ दिनों से ज़बरदस्त अफ़रातफरी का माहौल है। हज़ारों की तादाद में लोग सड़कों पर हैं, वे किसी भी तरह अपने गृह नगर लौट जाना चाहते हैं।
हालांकि दिल्ली सरकार ने पहले ही एलान किया था कि रोज़ाना चार लाख लोगों के खाने-पीने का इंतजाम किया जाएगा। पर सवाल यह था कि इतने लोग रहेंगे कहां। दिहाड़ी मजदूरों के साथ दिक्क़त यह है कि मजदूरी न मिलने से वे अपना घर भाड़ा नहीं चुका पाएंगे। राज्य सरकार का यह एलान उनके लिए बहुत बड़ी राहत है।
इसके पहले केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिये तैयार है। केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में अब तक 224 रैन बसेरों में हम लोगों को खाना खिला रहे थे। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। दिल्ली सरकार आज से 325 स्कूलों में लंच और डिनर शुरू करवा रही है और हर स्कूल में 500 लोगों को खाना खिलाया जाएगा।’
उन्होंने कहा था, ‘अब तक हम 20 हज़ार लोगों को खाना खिला रहे थे लेकिन अब हम 2 लाख से लेकर 4 लाख लोगों को खाना खिलाएंगे। मैंने अपनी पार्टी के विधायकों से कहा है कि एक भी आदमी भूखा न सोये।’ केजरीवाल ने कहा था कि कि सभी विधायक और कार्यकर्ता इस दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का ज़रूर ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी राज्य का व्यक्ति दिल्ली में हो, उसे भूखे नहीं रहने दिया जायेगा और राज्य सरकार पूरी मदद करेगी।