दिल्ली हिंसा के विरोध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों को हटाने के लिए बुधवार सुबह वाटर कैनन यानी पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया। पुलिसकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करते देखा गया। हिंसा को लेकर जामिया मिल्लिया इसलामिया के छात्रों ने मंगलवार रात को ही मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास का घेराव किया। प्रदर्शनकारी हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने और शहर में शांति बहाली की माँग कर रहे हैं।
एल्युमनी असोसिएशन ऑफ़ जामिया मिल्लिया इसलामिया और जामिया समन्वय समिति के सदस्य माँग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री केजरीवाल स्थानीय विधायकों के साथ हिंसा प्रभावित इलाक़ों का ख़ुद दौरा करें और तनाव कम करने के लिए शांति मार्च निकालें। उन्होंने यह भी माँग की कि नागरिकों को बताएँ कि हिंसा रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने क्या क़दम उठाए हैं। उन्होंने अपील की कि हिंसा भड़काने के दोषियों की पहचान हो और उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए।
बता दें कि नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थक और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के कारण दिल्ली में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से ज़्यादा लोग घायल हैं। मंगलवार को भी दिल्ली में कई इलाक़ों से हिंसा की ख़बरें आईं। हालात को संभालने के लिये चार इलाक़ों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है। इनमें मौजपुर, जाफ़राबाद, चांदबाग और करावल नगर शामिल हैं। हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पत्रकारों पर भी हमला किया गया है।
नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थक और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने मंगलवार रात को जाफ़राबाद के पूरे इलाक़े को खाली करा दिया। इसके अलावा पुलिस ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाक़ों में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिये हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस ने मंगलवार रात को मौजपुर इलाक़े से भी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया है।