दिल्ली सरकार ने पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें बढ़ा दी हैं। पेट्रोल पर वैट (वेल्यू एडेड टैक्स) 27% से 30% बढ़ाया गया है जबकि डीजल पर इसे 16.75% से लेकर 30% तक बढ़ाया गया है। इससे राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की क़ीमत 1.67 रुपये और डीजल की क़ीमत 7.10 रुपये बढ़ गयी है।
सैलरी देने तक के पैसे नहीं!
माना जा रहा है कि कोरोना के कारण पैदा हुए घोर आर्थिक संकट के चलते दिल्ली सरकार ने यह फ़ैसला लिया है। क्योंकि दिल्ली सरकार कह चुकी है कि उसके पास अब कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं बचे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार को शराब की दुकानें खोलने के लिए भी मजबूर होना पड़ा और पेट्रोल-डीजल की क़ीमतें बढ़ाने के लिए भी।
पेट्रोल-डीजल की बिक्री बुरी तरह प्रभावित
राज्य सरकारों की आय का एक बड़ा जरिया पेट्रोल-डीजल से होने वाली कमाई भी है। इसीलिए सभी राज्य इन्हें जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध करते रहे हैं। लॉकडाउन के चलते गाड़ियां बंद हैं, ऐसे में पेट्रोल-डीजल की बिक्री भी 10 से 15 फीसदी तक ही रह गई है। रियल एस्टेट बिजनेस तो पहले से ही ठप था, जहां से रजिस्ट्री के रूप में राज्यों को मोटी आमदनी होती थी। लॉकडाउन के दौरान तो वहां भी सन्नाटा छाया हुआ है।
इससे पहले दिल्ली सरकार ने सोमवार रात को आदेश जारी कर शराब की क़ीमतों में 70 फ़ीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। बढ़ी हुई क़ीमतें मंगलवार से लागू हो गई हैं। लॉकडाउन 3.0 में जैसे ही शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई, राष्ट्रीय राजधानी के साथ देश भर में लोग शराब की दुकानों पर उमड़ पड़े थे।