दिल्ली सरकार कोरोना वायरस को लेकर क्वॉरंटीन का समय पूरा कर चुके तब्लीग़ी जमात के क़रीब 4000 सदस्यों को छोड़ने जा रही है। अब वे अपने-अपने घर जा सकते हैं। संबंधित राज्यों को उनको ले जाने के लिए व्यवस्था करनी होगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें से क़रीब 900 दिल्ली के ही हैं और बाक़ी दूसरे राज्यों के हैं। इनमें से अधिकतर तमिलनाडु और तेलंगाना के हैं। हालाँकि उन लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा जिनके ख़िलाफ़ निज़ामुद्दीन के मरकज़ में कार्यक्रम को लेकर एफ़आईआर दर्ज है। ऐसे लोगों को जाँच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि उन लोगों को छोड़ा जा रहा है जो ज़रूरी क्वॉरंटीन का समय पूरा कर चुके हैं और जिनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं।
जब देश में कोरोना वायरस फैल रहा था तब दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तब्लीग़ी जमात ने कार्यक्रम किया था और इसमें देश-विदेश के हज़ारों जमाती शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम तब हुआ था जब दिल्ली सरकार ने बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया था।
इस नियम का उल्लंघन कर कार्यक्रम करने को लेकर निज़ामुद्दीन थाने में तब्लीग़ी जमात के प्रमुख मौलाना साद समेत सात लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई। इनके अलावा उन लोगों के ख़िलाफ़ भी रिपोर्ट दर्ज की गई थी जो क्वॉरंटीन में नहीं जाकर कथित तौर पर चोरी-छुपे अपने-अपने राज्यों को जा रहे थे। कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया था जिनमें से कुछ विदेशी थे और कथित तौर पर देश छोड़कर जाने के प्रयास में थे।
तब्लीग़ी जमात से निकलकर जैसे ही इसके सदस्य कई राज्यों में पहुँचे तो ऐसे लोगों को ढूँढना शुरू किया गया था। तब क़रीब तब्लीग़ी जमात से जुड़े या उनके संपर्क में आए डेढ़ हज़ार से ज़्यादा लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी।
तब्लीग़ का यह मामला आने के बाद पूरे देश भर में तब्लीग़ी जमात से जुड़े 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों को क्वॉरंटीन किया गया।