दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 27,561 नए मामले दर्ज किए गए। ये एक दिन पहले रिकॉर्ड किए गए मामलों की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक हैं। पॉजिटिविटी दर भी 26 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटों में 1,05,102 परीक्षण किए गए।
शहर में इससे ज़्यादा पिछली बार 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमण के मामले 28,395 दर्ज किए गए थे। यानी नौ महीने में सबसे ज़्यादा मामले आए हैं। शहर में पिछले 24 घंटों में 40 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई। यह संख्या भी 10 जून के बाद से सबसे अधिक है। तब यहा 44 मौतें दर्ज की गई थीं।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सक्रिय मामले बढ़कर अब 87,445 हो गए हैं। यह पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक है। बुलेटिन में कहा गया है कि होम आइसोलेशन में 25,240 मरीज हैं।
दिल्ली में ऐसे हालात के बीच आज ही यानी बुधवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले स्थिर हो गए हैं और जल्द ही संक्रमण कम होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में अगले दो से तीन दिनों में कोरोना वायरस के मामले कम होते हैं तो प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे।
दिल्ली में पिछले कई दिनों से हर रोज़ क़रीब 20-22 हज़ार संक्रमण के मामले आ रहे हैं। हालाँकि, स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा था कि दिल्ली में आज पिछले 24 घंटों में लगभग 25,000 मामलों की रिपोर्ट होने की संभावना है। जबकि अब 27 हज़ार से ज़्यादा भी मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन इसके साथ ही सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा था कि पॉजिटिविटी दर यह निर्धारित नहीं कर सकती है कि मामले चरम पर हैं या नहीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने की दर स्थिर हो गई है और मामले में ज़्यादा बदलाव नहीं हैं। अभी भी कई बिस्तर खाली हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई में मामलों में गिरावट शुरू हो गई है और जल्द ही दिल्ली में भी यही प्रवृत्ति दिखेगी।
हालाँकि मुंबई में पिछले चार दिनों तक संक्रमण के मामले कम आने के बाद आज फिर से मामले बढ़ गए हैं। आर्थिक राजधानी में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 16,420 नए मामले सामने आए हैं। ये मंगलवार की तुलना में 40% अधिक हैं। पॉजिटिविटी दर 18.75% से बढ़कर 24.38% हो गई है। मुंबई में मंगलवार को 11,647 नए कोरोनो वायरस के मामले आए थे।
दिल्ली सरकार कोरोना मामलों के स्थिर होने की बात तब कह रही है जब आज ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को स्वास्थ्य केंद्रों पर मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लिखा है।
उन्होंने कहा है कि इन-पेशेंट देखभाल वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में कम से कम 48 घंटे के लिए पर्याप्त मेडिकल ऑक्सीजन का बफर स्टॉक होना चाहिए। उन्होंने राज्यों से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंकों की रिफिलिंग के लिए एक निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।