दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 24,383 नए मामले दर्ज किए गए। यह एक दिन पहले यानी गुरुवार की तुलना में 15.5% कम है। लेकिन इसके साथ एक बड़ी चिंता की बात यह है कि राष्ट्रीय राजधानी में पॉजिटिविटी दर 30% को पार कर गई है।
दिल्ली में आज दर्ज की गई पॉजिटिविटी दर पिछले साल 1 मई के बाद सबसे अधिक है। तब यह 31.6% थी। यह वह समय था जब भारत दूसरी लहर से जूझ रहा था और देश भर के अस्पताल मरीजों के लिए बेड और मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। लेकिन इस बार ऐसी स्थिति नहीं है।
दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्रालय बार-बार यह कह रहा है कि घबराने की ज़रूरत नहीं है। इसने कहा है कि इतनी तेज़ी से फैलने के बावजूद दिल्ली में अधिकतर कोविड बेड खाली हैं।
आज ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि चिंता का कोई कारण नहीं है क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर काफी कम है। केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा था कि घबराने की ज़रूरत नहीं है। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं और ओमिक्रॉन वैरिएंट काफी संक्रामक है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बेहद कम है और मौत भी बहुत कम हैं, इसलिए लोगों को चिंता करने और घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेड्स की कोई कमी नहीं है, आईसीयू बेडों की भी कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हम कोरोना की स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं। अगर ज़रूरत पड़ेगी तभी पाबंदियों को बढ़ाएंगे, पर यदि कोरोना के मामले कम होने लगे तो पाबंदियों को घटाएंगे।'
बता दें कि पूरे देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 2,64,202 नए मामले सामने आए हैं। कल कोरोना के 2,47,417 मामले सामने आए थे। हर दिन का पॉजिटिविटी रेट 14.78% जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 11.83% हो गया है। एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 12,72,073 हो गई है।
उधर, ओमिक्रॉन के मामलों का आंकड़ा बढ़कर 5,753 हो गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हरिद्वार में मकर संक्रांति पर होने वाले स्नान पर रोक लगा दी गई है।