लालू यादव की पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती व हेमा यादव को लैंड फॉर जॉब केस में अंतरिम जमानत मिल गई है। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को यह राहत दी है।
यह घटनाक्रम राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के घोटाले के मामले में सुनवाई के लिए अदालत पहुंचने के बाद हुआ। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने उन्हें तलब किया था।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव के साथ मीसा भारती को कोर्ट में रहने का निर्देश दिया था। लालू प्रसाद अस्वस्थ हैं। कोर्ट में शुक्रवार नौ फरवरी को होने वाली सुनवाई को देखते हुए राबड़ी देवी और मीसा भारती बुधवार को दिल्ली पहुंच गईं थीं। तेजस्वी यादव पहले से ही दिल्ली में हैं।
जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। अदालत ने यह भी कहा कि हालांकि जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था, फिर भी औपचारिक जवाब की ज़रूरत हो सकती है।
30 जनवरी को सीबीआई ने अदालत को बताया था कि वह लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित एक मामले में एक महीने के भीतर पूरक आरोप पत्र दायर करेगी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि फरवरी के अंत तक अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी जाएगी।
जाँच के दौरान जब्त किए गए 13 लाख रुपये नकद जारी करने के लिए राजद नेता अहमद अशफाक करीम द्वारा दायर एक आवेदन पर जवाब देते हुए सीबीआई ने अदालत को यह जानकारी दी।
अदालत ने पूरक आरोप पत्र दाखिल होने तक आवेदन को लंबित रखा है। इस मामले में अब 27 फरवरी को सुनवाई होगी।
यह मामला 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू यादव के कार्यकाल के दौरान अपने परिवार को भूमि हस्तांतरण के बदले में भारतीय रेलवे में कथित नियुक्तियों से जुड़ा है।
इस मामले में सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्राथमिक जाँच यानी पीई दर्ज की थी। आरोप लगाया गया कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते इसके तहत रेलवे के ग्रुप डी के पदों पर लोगों को आवेदन के तीन दिन के अंदर नौकरी दी गई और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया था। इसके बदले नौकरी पाने वालों के परिवार ने राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम अपनी ज़मीन ट्रांसफर की। सीबीआई का कहना है कि लालू प्रसाद के परिवार ने पटना में नकद भुगतान कर 1.05 लाख वर्गफुट जमीन खरीदी। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि गिफ्ट डीडी के अलावा जमीन के जो सात टुकड़े यादव परिवार को दिए हैं वे मौजूदा सर्किल रेट से कम रेट पर खरीदी गई थीं।
प्रवर्तन निदेशालय ने 8 जनवरी, 2024 को पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत अमित कत्याल, राबड़ी देवी, मिशा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियों मेसर्स ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की थी। बाद में उसने इसमें अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया।