केंद्र सरकार द्वारा देश भर में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने और राज्यों को अपने तरीक़े से फ़ैसली की छूट देने के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार आज इस पर विस्तृत योजना पेश करेगी। दिल्ली सहित कई राज्यों ने अपनी ज़रूरतों के अनुसार रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन तय करने और लॉकडाउन पर फ़ैसला लेने की छूट देने का प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया था। केंद्र सरकार ने यह आग्रह मान लिया है।
राज्य सरकारों को यह छूट दी गई है कि वे ख़ुद कलर कोडिंग तय करें, यानी कौन क्षेत्र किस ज़ोन में होगा-रेड, ऑरेंज या ग्रीन में, इसका फ़ैसला राज्य करें। केंद्र ने बसें और दूसरे वाहन चलाने की छूट दे दी है। लेकिन हवाई यात्रा, मेट्रो ट्रेन, जिम, सिनेमा हॉल नहीं खुलेंगे। इस हिसाब से दिल्ली सरकार अब यह तय कर सकती है कि कौन सा क्षेत्र रेड ज़ोन में रहेगा और कौन सा ऑरेंज और ग्रीन में।
इस फ़ैसले के बाद रविवार रात अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'केंद्र के दिशा-निर्देश दिल्ली सरकार द्वारा लाखों दिल्लीवासियों के सुझावों के आधार पर भेजे गए प्रस्ताव के अनुरूप हैं। अगर कोरोना मामलों में वृद्धि होती है, तो हमने लॉकडाउन अवधि का उपयोग अपने हेल्थकेयर सिस्टम को तैयार करने के लिए किया है, लेकिन अब प्रतिबंधों को कुछ हद तक ढील देने का समय है।' उन्होंने रविवार रात को ही एक अन्य ट्वीट में लिखा कि दिल्ली सरकार ने केंद्र के दिशा-निर्देशों के आधार पर दिल्ली के लिए विस्तृत योजना तैयार की है और इसकी सोमवार को घोषणा की जाएगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले से ही कहते रहे हैं कि हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा। इसी के तहत उन्होंने संकेत दिया था कि दिल्ली में चरणबद्ध तरीक़े से लॉकडाउन को हटाया जाएगा। हालाँकि वह कंटेनमेंट ज़ोन में लॉकडाउन को जारी रखने की बात कहते रहे हैं।
लॉकडाउन में ढील देने का फ़ैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है जब न तो देश में और न ही दिल्ली में कोरोना संक्रमण नियंत्रित होता दिख रहा है। देश भर में दिल्ली चौथे स्थान पर है और यहाँ 9 हज़ार 333 पॉजिटिव केस आ चुके हैं और 129 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली से ज़्यादा गुजरात व तमिलनाडु में क़रीब 10-10 हज़ार और महाराष्ट्र में क़रीब 30 हज़ार पॉजिटिव केस आ चुके हैं। पूरे देश भर में 90 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव मामले आ चुके हैं।