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गुजरात डिफेंस एक्सपो में आत्मनिर्भर भारत की झलक: लेफ्ट. जनरल अभय

गुजरात डिफेंस एक्सपो में आत्मनिर्भर भारत की झलक: लेफ्ट. जनरल अभय

गुजरात के गांधीनगर में होने वाला डिफेंस एक्सपो मंगलवार से शुरू हो जाएगा लेकिन इसका उद्घाटन 19 अक्टूबर को होगा।

गुजरात में इस बार डिफेंस एक्सपो की शुरुआत होने वाली है जहां उम्मीद है कि आत्मनिर्भर भारत की झलक रक्षा क्षेत्र में भी दिख सकती है। लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण (सेवानिवृत्त) ने यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि आज़ादी के कई दशकों बाद भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ करते हुए कहा है कि कुछ वर्षों में भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लिया है। आज 3.37 मिलियन डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ भारत को पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है।

उन्होंने कहा कि देश के रक्षा और प्रौद्योगिकी संबंधी निर्यात के मामले में भारत ने पिछले वर्ष लगभग 13000 करोड़ रुपये के उच्चतम आंकड़े को छू लिया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना और पांच साल पहले की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विचार से देश को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है।

लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण ने कहा, ‘रक्षा उत्पादन शुरू में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के अधीन था। लेकिन उसे निजी क्षेत्र की भारतीय कंपनियों के लिए खोल दिया गया। इस क्षेत्र में बड़े कदमों के तहत रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को संशोधित किया गया। रक्षा विनिर्माण के लिए निवेश और प्रौद्योगिकी को आकर्षित करने पर जोर दिया गया। रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी तक कर दी गई।’

उन्होंने कहा कि नई रक्षा औद्योगिक लाइसेंस की मांग करने वाली कंपनियों को बढ़ावा दिया गया। देश में आधुनिक तकनीक लाने में सक्षम कंपनियों को प्रश्रय दिया गया।

लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण ने कहा कि आज देश का रक्षा निर्यात पांच साल पहले की तुलना में लगभग आठ गुना तक बढ़ गया है। मेक इन इंडिया की वजह से भारत हथियारों के सबसे बड़े आयातक की बजाए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक उभरते हुए प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में जाना जाने लगा है।

देश में रक्षा निर्माण में जुटी कंपनियों ने रक्षा उपकरणों, प्लेटफार्मों, प्रणालियों और उप-प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारतीय नौसेना महत्वपूर्ण मिशन क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) को शामिल करने पर खासा ध्यान दे रही है। रक्षा उद्योग में छोटे और मंझोले भारतीय उद्योगों की भूमिका बढ़ रही है। देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश (यूपी) रक्षा उपकरण निर्माण के प्रमुख केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। 

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