दिल्ली में 9 साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार के बाद लोग सड़कों पर हैं और उसे इंसाफ़ दिलाने के लिए लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। तमाम राजनीतिक दलों के सांसदों से भी यह उम्मीद की जा रही है कि वे संसद के मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे। लेकिन इससे जुड़े सवाल पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने बेहद अजीब जवाब दिया है। यह बच्ची दलित समुदाय की थी।
हेमा मालिनी संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए पहुंची थीं। इस दौरान वहां मौजूद कुछ पत्रकारों ने उनसे बलात्कार की इस वारदात के बारे में सवाल पूछा कि इस मामले में विपक्ष तो आवाज़ उठा रहा है लेकिन सदन इस पर मौन है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से सांसद हेमा मालिनी ने इस सवाल पर जो जवाब दिया, वो हैरान करने वाला है। मालिनी ने कहा, “आप वहां पर पूछेंगे, ओम बिड़ला जी से बात कीजिए।” इसके बाद वह आगे बढ़ गयीं।
निश्चित रूप से हेमा मालिनी का यह जवाब बेहूदा है। उन्हें तो पहले ख़ुद ही यह मामला उठाना चाहिए था क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता कि इतने बड़े मामले का उन्हें पता ही न हो। अगर पता नहीं था तो पत्रकारों के बताने पर कहना चाहिए था कि हां, वे इस मामले को ज़रूर सदन में उठाएंगी लेकिन एक महिला होने के बावजूद वे इस सवाल को ठुकराती हुईं आगे निकल गईं।
यह वारदात दिल्ली के ओल्ड नांगल राव गांव में हुई है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर ख़ासा आक्रोश है। बरसात के बीच भी सैकड़ों लोग अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए धरने पर बैठे हैं।
कहां ग़ायब हैं महिला मंत्री?
सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने अपने हालिया कैबिनेट विस्तार के बाद इस बात को जोर-शोर से प्रचारित किया था कि उनकी कैबिनेट में सबसे ज़्यादा महिला मंत्री हैं। लेकिन देश की राजधानी में जब एक बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या जैसी जघन्य वारदात हुई है तो ये महिला मंत्री कहां ग़ायब हैं।
प्रधानमंत्री को सौंपी रिपोर्ट
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी और बीजेपी सांसद हंसराज हंज ने उन्हें इसे सौंप दिया है।
हंसराज हंस ने गुरूवार को पीड़ित बच्ची के परिवार से मुलाक़ात की थी। उन्होंने बच्ची के परिवार तक प्रधानमंत्री का यह संदेश भिजवाया है कि उन्हें इंसाफ़ मिलेगा। कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंमत्री अरविंद केजरीवाल भी बच्ची के परिजनों से मिले थे और इस लड़ाई में उनके साथ खड़े होने का भरोसा दिलाया था। केजरीवाल ने मामले की मजिस्ट्रीयल जांच कराने और राहत के तौर पर 10 लाख रुपये देने की घोषणा की थी।
बच्ची के परिजनों ने उसके साथ बलात्कार होने और उसके बाद जिंदा जलाए जाने की बात कही है। दिल्ली पुलिस ने हालात की गंभीरता को देखते हुए इस मामले को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफ़र कर दिया है।