राजस्थान के बारां जिले के एक दलित परिवार के 12 सदस्यों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया है और बौद्ध धर्म अपना लिया है। इन लोगों की शिकायत थी कि पुलिस और प्रशासन ने उनके साथ हुई मारपीट के मामले में एक शख्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। यह शख्स गांव की सरपंच का पति है।
हालांकि मीडिया में आई कुछ खबरों में धर्म परिवर्तन करने वालों की संख्या ढाई सौ तक बताई गई है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस अफसर पूजा नागर ने बताया कि बौद्ध धर्म अपनाने वाले ये सभी लोग भूलोन गांव के रहने वाले हैं। बौद्ध धर्म अपनाने के बाद उन्होंने उनके घर में रखे हिंदू देवी-देवताओं के चित्रों को भी गांव की एक नदी में प्रवाहित कर दिया। इसका वीडियो भी सामने आया है।
पुलिस अफसर पूजा नागर ने इस बात को साफ किया कि इन लोगों के अलावा किसी अन्य ने इस गांव में धर्म परिवर्तन नहीं किया है।
पीटीआई के मुताबिक, दलित परिवार ने धर्म परिवर्तन का यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उनके परिवार के एक शख्स पर हमले के मामले में पुलिस ने सरपंच के पति का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया। इस संबंध में उन्होंने एसपी को ज्ञापन भी दिया था।
क्या है मामला?
32 साल के राजेंद्र ने 5 अक्टूबर को भूलोन गांव में ही रहने वाले लालचंद लोधा पर हमला करने का आरोप लगाया था और इसे लेकर पुलिस ने आईपीसी और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पीटीआई के मुताबिक, कुछ दिन बाद राजेंद्र ने पुलिस से कहा कि सरपंच के पति राहुल शर्मा को भी इस मामले में अभियुक्त बनाया जाए। पुलिस को जांच में पता चला है कि राजेंद्र अपने दो भाइयों के साथ 5 अक्टूबर की रात को लालचंद लोधा के घर पर मारपीट का बदला लेने पहुंचा लेकिन राहुल शर्मा भी वहां पहुंच गया और उसने बीच-बचाव की कोशिश की। दोनों पक्षों को शांत करने के बाद राहुल शर्मा वापस लौट आया।
पुलिस ने कहा है कि लालचंद को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस का कहना है कि उन्हें सरपंच के पति के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला है। पुलिस ने कहा है कि अगर सरपंच के पति की संलिप्तता इस मामले में मिली तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा
बताना होगा कि कुछ दिन पहले दिल्ली में हुए कार्यक्रम में हजारों लोगों के हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म में जाने की बात को लेकर हंगामा हुआ था। इसका वीडियो सामने आया था जिसमें डॉक्टर बाबा साहब आंबेडकर के द्वारा ली गई 22 प्रतिज्ञाओं को दोहराया गया था। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी इस कार्यक्रम में शामिल रहे थे। इसे लेकर बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोल दिया था और राजेंद्र पाल गौतम को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।