विनाशकारी तूफान बिपरजोय गुजरात तट से 200 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है और आज गुरुवार शाम को तट पर पहुंचने की संभावना है। सरकार का दावा है कि बारिश और तूफान के मद्देनजर निचले इलाकों में रहने वाले 74,000 लोगों को निकाला गया है। प्रशासन ने कच्छ जिले में समुद्र के किनारे से लेकर से 10 किमी के बीच स्थित लगभग 120 गांवों को पूरी तरह खाली करा लिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, Biparjoy के जखाऊ बंदरगाह के पास "बहुत गंभीर तूफान" के रूप में आने की उम्मीद है, जिसमें अधिकतम हवा की गति 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
आईएमडी ने कहा कि कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर पावरफुल मौसम सिस्टम बनने से बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि 72 गांव कच्छ जिले में तट से 5 किमी के बीच स्थित हैं, जबकि अन्य 48 तट से 5 किमी और 10 किमी के बीच स्थित हैं। मंत्री ने कहा, "हमने इन तटीय गांवों से लगभग 40,000 लोगों को निकाला है।"
सरकार ने कहा है कि अब तक कच्छ, जामनगर, मोरबी, राजकोट, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर और गिर सोमनाथ के आठ तटीय जिलों में 74,345 लोगों को अस्थायी कैंपों में ले जाया गया है।
सरकार के अनुसार, NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की 15 टीमें, SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की 12 टीमें, राज्य सड़क और भवन विभाग की 115 टीमें और राज्य बिजली विभाग की 397 टीमें विभिन्न तटीय क्षेत्रों में तैनात की गई हैं।
इंटरनेशनल स्पेस सेंटर ने समुद्र में चल रहे बिपरजोय तूफान की यह तस्वीर उतारी है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अलावा, एनडीआरएफ की चार टीमें और एसडीआरएफ, सेना, तटरक्षक बल और बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की पांच टीमें तूफान के बाद बचाव और राहत के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, "तूफान के बाद के काम जैसे बिजली के बुनियादी ढांचे, मोबाइल नेटवर्क और अन्य बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए हमारे द्वारा विस्तृत व्यवस्था की गई है।"
इस बीच, प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर और गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर आज श्रद्धालुओं और दर्शनार्थियों के लिए बंद है।
ज्वार भाटा की ऊंचाई से लगभग 2-3 मीटर ऊपर तूफान आने से जिलों के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। वहां भूस्खलन की आशंका जताई गई है। आईएमडी ने कहा है कि ज्वार भाटा कुछ स्थानों पर 3-6 मीटर तक बढ़ सकता है।