हिन्द महासागर को तेज़ी से फाँदते हुए और 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से सबको रौंदते हुए साइक्लोन ‘अंपन’ ने ओडिशा और उसके बाद पश्चिम बंगाल में तबाही मचाई है। पश्चिम बंगाल के दक्षिण हिस्से यानी कोलकाता और उसके आसपास के इलाक़ों में इस चक्रवाती तूफान से गुरुवार सुबह तक 10 लोगों की मौत हो गई है।
हज़ारों घर तबाह हो गए, पेड़ और बिजली के खंभे टूट गए, बिल्डिंगों को नुक़सान पहुँचा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कोरोना वायरस से ज़्यादा नुक़सान इस तूफ़ान से हुआ है। उन्होंने दावा किया कि क़रीब एक लाख करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है।
राजधानी कोलकाता से लगभग पौने दो सौ किलोमीटर दूर समुद्र तट दीघा और राजधानी से लगभग सौ किलोमीटर दूर सुंदरबन में इस तूफान ने काफी तबाही मचाई है। कई पुराने घर टूटे हैं, सैकड़ों पेड़ गिरे हैं, बिजली और दूरसंचार के तार टूटे हैं, एक बहुत बड़ा हिस्सा अंधकार और बारिश में डूबा हुआ है।
- भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि इस चक्रवाती तूफान के केंद्र का दायरा लगभग 30 किलोमीटर रहा।
- नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फ़ोर्स ने कहा है कि ओडिशा में एक लाख और पश्चिम बंगाल में 5 लाख लोगों को पहले ही समुद्रतटीय इलाक़ों से निकाल कर सुरक्षित सेल्टर होम में पहुँचा दिया गया था।
- राजधानी कोलकाता, हावड़ा, हुगली तक इसकी रफ़्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा थी। लेकिन अब वह कमज़ोर हो चुका है।
- एनडीआरएफ़ ने पहले ही अस्पतालों का इंतजाम कर लिया था।
- बिजली वितरण कंपनियों और दूरसंचार कंपनियों को पहले ही आगाह कर दिया गया था।
- कोलकाता, हावड़ा और हुगली में ज़बरदस्त बारिश हुई है।
- एनडीआरएफ़ के प्रमुख एस. एन. प्रधान ने कहा है कि फ़ोर्स की 41 टीमों को पहले ही तैनात कर दिया गया था।
- लोगों को राहत व बचाव कार्य के तहत निकालने और शेल्टर होम में रखने के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का ख्याल रख गया।
- यह चक्रवाती तूफान जब पश्चिम बंगाल के समुद्र तट पर पहुँचा, समुद्र में 5 फीट से ऊँची लहरें उठीं।आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इसकी चपेट में आए इलाक़ों को ‘रोड प्लस ज़ोन’ की श्रेणी में रखा गया था।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एलान किया है कि वह रात भर अपने दफ्तर में रहेंगी, जहाँ उन्होंने स्थिति पर नज़र रखने के लिए कंट्रोल रूम बनाया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पहले ही एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें हर संबंधित विभाग के आला अफ़सर मौजूद थे।
- इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘अंपन’ इसलिए पड़ा कि 2004 में थाईलैंड में इसी तरह के तूफान को यह नाम दिया गया था। इसका अर्थ होता है ‘आकाश’।
- ओडिशा में इसी तरह का एक तूफ़ान 1999 में आया था, जिसमें 10 हज़ार लोग मारे गए थे।