कोरोना वायरस की गंभीरता के मद्देनज़र सोमवार दोपहर 2 बजे से समूचे पंजाब के 22 ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसकी घोषणा राज्य सरकार ने की है। अभी-अभी लगे कर्फ्यू में ढील देने के लिए ज़िला उपायुक्तों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। कर्फ्यू सख्ती से लागू होगा। इसके लिए पंजाब पुलिस के साथ-साथ मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए हैं। अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जा रही है। एक दिन पहले यानी रविवार को ही पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन की घोषणा की थी।
राज्य के एक से दूसरे कोने तक कर्फ्यू के चलते पूरी तरह सन्नाटा पसर गया है। लोग घरों में बंद हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक़ कर्फ्यू तब तक जारी रहेगा जब तक कोरोना वायरस का ख़तरा पूरी तरह टल नहीं जाता। इससे पहले जून 1984 में राज्य में इस तरह का मुकम्मल कर्फ्यू लगा था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्य सचिव और राज्य पुलिस महानिदेशक से बैठक के बाद हालात का जायजा लिया और संवेदनशील हालात पर विचार-विमर्श के बाद कर्फ्यू का फ़ैसला लिया। फौरी तौर पर कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी। हालाँकि कर्फ्यू के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य ज़रूरी सुविधाओं के लिए छूट रहेगी लेकिन इसके लिए मजिस्ट्रेट का आदेश ज़रूरी होगा। कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्त क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब में कोरोना वायरस के चलते हालात लगातार ख़राब हो रहे हैं। सरकार विशेष इनपुट के बाद ज़रूरी नए क़दम उठा रही है। राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या 22 तक पहुँच गई है।
सोमवार को मोहाली की एक 80 वर्षीया महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। उक्त महिला को कड़ी निगरानी में खरड़ के सिविल हॉस्पिटल में रखा गया है। यह बुजुर्ग महिला उस 27 वर्षीया महिला की मकान मालकिन हैं जिसे पहले ही कोरोना वायरस हो चुका है। ध्यान रहे कि कोरोना वायरस के लक्षण उनमें अधिक पाए जा रहे हैं जो विदेश से लौटे हैं। नवांशहर के बाद कोरोना वायरस के सबसे ज़्यादा संदिग्ध मोहाली में मिल रहे हैं। पंजाब के इस शहर में अब वायरस के संदिग्ध मरीजों की गिनती बढ़कर 6 हो गई है। मोहाली के सिविल सर्जन डॉक्टर मनजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
पंजाब में उन तमाम लोगों का विशेष परीक्षण किया जा रहा है जो पिछले दिनों धार्मिक उत्सवों अथवा मेलों में शामिल हुए थे। खासतौर पर आनंदपुर साहब में आयोजित होला मोहल्ला में शिरकत करने वालों के लिए निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपनी जाँच के लिए प्रशासन से सहयोग करें। ग़ौरतलब है कि कोरोना वायरस से पंजाब में हुई पहली मौत वाला शख्स भी आनंदपुर साहिब के होला मोहल्ला में शिरकत कर चुका था। जिन सरकारी कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी होला मोहल्ला में लगी थी, फ़िलहाल उन्हें घर रहने और जाँच कराने के शासनादेश हुए हैं।
उधर, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी सिख समुदाय से संबंधित तमाम बड़े धार्मिक समागम कोरोना वायरस के चलते स्थगित करने की अपील की है। 'कौन के नाम' अपील में उन्होंने कहा है कि लोग घरों से न निकलें और सरकार के आदेशों का पालन करें। उन्होंने सहयोगार्थ 'गुरु की गोलक' खोलने की बात भी कही है।