मणिपुर के थौबल जिले में दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हो गया, इस पर देशभर में प्रतिक्रिया हो रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है और कुछ ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। मणिपुर की घटना से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तीखी प्रतिक्रियाओं से भरा हुआ है।
देर रात एक ट्वीट में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्होंने वीडियो के बारे में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है।
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में कहा - “मणिपुर से 2 महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो निंदनीय और अमानवीय है। मुख्यमंत्री @NBirenSingh जी से बात की, जिन्होंने मुझे सूचित किया है कि जांच अभी चल रही है और आश्वासन दिया है कि अपराधियों को कटघरे में लाने के लिए कोई भी प्रयास छोड़ा नहीं जाएगा।”
उनके ट्वीट के बाद कई विपक्षी नेताओं ने चुप्पी के लिए सरकार की आलोचना की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा को दिल दहलाने वाला बताते हुए कहा कि हर समाज में महिलाओं और बच्चों को हिंसा का खामियाजा भुगतना पड़ता है। प्रियंका ने कहा - “मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हम सभी को एक स्वर में हिंसा की निंदा करनी चाहिए। मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री ने अपनी आंखें क्यों बंद कर ली हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं?”
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट किया- "...मणिपुर से परेशान करने वाले दृश्य, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, जो घृणित है, को देखकर व्यथित हूं। यह एकजुट होने, अपनी आवाज उठाने और मणिपुर के लोगों के लिए न्याय की मांग करने का समय है। पीएमओ के साथ गृह विभाग को मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।"
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा है- "केंद्र सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। मणिपुर के सीएम की वजह से कुप्रबंधन हुआ है। वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। अगर एक वर्ग को सीएम पर भरोसा नहीं है, तो शांति स्थापित नहीं हो सकती। पीएम अच्छे भाषण देते हैं लेकिन देश में क्या हो रहा है, इसके बारे में नहीं बोलेंगे। मणिपुर में आदिवासियों को पीटा जा रहा है और सीएम (अपराधियों) को बचा रहे हैं।"
पीएम की चुप्पी पर सवाल
जून के आखिरी हफ्ते में मणिपुर के दौरे पर गए पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया था। राहुल गांधी ने ताजा घटना पर फिर कहा -“प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता से मणिपुर अराजकता की ओर चला गया। जब मणिपुर में आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।” राहुल ने इंडिया गठबंधन द्वारा अपनाए गए आम रुख का जिक्र करते हुए ट्वीट किया।कांग्रेस गुरुवार को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन स्थगन प्रस्ताव भी लाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब पर जोर देगी।
सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ''डबल इंजन की इस भयानक त्रासदी के बाद भी पीएम मोदी चुप हैं। चुप्पी अमानवीय संवेदनहीनता को दर्शाती है। ऐसी बर्बरता आपराधिक और घृणित है।”
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा भारतीय समाज में इस तरह के घिनौने कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मणिपुर में हालात बेहद चिंताजनक होते जा रहे हैं. मैं प्रधानमंत्री से मणिपुर की स्थिति पर ध्यान देने की अपील करता हूं। कृपया इस घटना के वीडियो में दिख रहे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। भारत में ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने ट्वीट किया, “चौंकाने वाला! मणिपुर में बहुसंख्यक समुदाय द्वारा दो असहाय कुकी महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उनका वीडियो बनाकर परेड किया गया। पुलिस और सशस्त्र बल क्या कर रहे थे? न तो भाजपा मैतेई के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार और न ही मोदी-अमितशाह की केंद्रीय सरकार इस तरह के पाशविक आचरण से चिंतित दिखती है!”