ऑक्सीजन की किल्लत, कोरोना टीके की कमी और पीपीई व जाँच किट्स की कमी के बीच भारत में एक दिन में नए कोरोना संक्रमण के मामले साढ़े तीन लाख की सीमा को पार कर गए हैं।
सोमवार की सुबह स्वास्थ्य विभाग से दी गई जानकारी के मुताबिक़, पिछले 24 घंटों में देश कोरोना 3,52,991 नए मामले सामने आए। इसके एक दिन पहले यह संख्या 3.49 लाख थी। यानी, कोरोना संक्रमण की रफ़्तार में कमी नहीं आई है।
इस दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आकर 2,812 लोगों की मौत हो गई। लगातार पाँचवें दिन देश में तीन लाख से ज़्यादा कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसी तरह कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 28,13,658 हो गई। यानी इस समय इतने लोग कोरोना से संक्रमित होकर बीमार हैं।
अप्रैल महीने में कोरोना के 51,63,828 नए केस सामने आ चुके हैं और इस दौरान 32,655 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके साथ ही कोरोना से अब तक प्रभावित होने वालों लोगों की तादाद 1,73,13,163 हो गई है।
अप्रैल में 51 लाख मामले
दूसरी ओर, कोरोना से अब तक 14,304, 382 लोग ठीक हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 2,19, 272 लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं। महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है, इसके अलावा केरल, दिल्ली, कर्नाटक, यूपी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश भी कोरोना से प्रभावित प्रमुख राज्यों में हैं।
ट्रिपल म्यूटेंट
संक्रमण के इतनी तेज़ी से फैलने के बीच ही कोरोना का अब एक नया ख़तरा उभर रहा है। ट्रिपल म्यूटेंट के केस आए हैं। कहा जा रहा है कि डबल म्यूटेंट में ही एक नये म्यूटेंट के संकेत मिले हैं। यही ट्रिपल म्यूटेंट है।
ट्रिपल म्यूटेंट का मतलब है कि तीन अलग-अलग म्यूटेंट का समावेश। यह भी कोरोना का एक स्ट्रेन या यूँ कहें तो एक प्रकार है। जब कोरोना वायरस फैलता है तो म्यूटेट यानी अपनी नकल बनाता जाता है और इस प्रक्रिया में कई बार हूबहू वही नकल नहीं बना पाता है।
यानी नये क़िस्म के रूप में कोरोना वायरस आ जाता है और फिर यह इसी रूप में भी फैलने लगता है। ट्रिपल म्यूटेंटे भी ऐसा ही एक नये प्रकार का कोरोना है।