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जोश खरोश के साथ चिंतन हुआ, सौहार्दपूर्ण समाधान मिला: थरूर

जोश खरोश के साथ चिंतन हुआ, सौहार्दपूर्ण समाधान मिला: थरूर

क्या कांग्रेस को चिंतन शिविर में वह सबकुछ हासिल हो गया जिसके लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता उदयपुर में जुटे थे? जानि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने क्या कहा है। 

शशि थरूर ने रविवार को कहा है कि उदयपुर के चिंतन शिविर में अलग-अलग विचारों पर जोरदार बहस हुई और एक सौहार्दपूर्ण समाधान मिल गया है। उन्होंने कहा है कि चर्चाओं में पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की शानदार मिसाल दिखी। 

उन्होंने एक तसवीर को साझा करते हुए ट्वीट किया है, 'कल रात हमारे विचार-विमर्श के स्थगित होने के बाद राजनीतिक समिति के कुछ सदस्य ग्रुप फोटो के लिए जुटे। चर्चाएँ आंतरिक-पार्टी लोकतंत्र का एक मजबूत मिसाल थीं: विचार जोश-खरोस से भरे हुए थे और सौहार्दपूर्ण समाधान मिले।'

थरूर उस राजनीतिक समिति के सदस्य हैं जिसके संयोजक राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। शशि थरूर का यह ट्वीट तब आया है जब राजस्थान के उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर को कांग्रेस के भविष्य की राजनीति के लिए काफ़ी अहम माना जा रहा है। खासकर इसलिए भी कि हाल में कांग्रेस में अंदरुनी बयानबाजी का एक लंबा दौर चला है। पार्टी के नेताओं ने मीडिया में आकर तरह-तरह के बयान दिए हैं। 

इस मामले में ख़ासकर जी-23 के नेता आगे रहे हैं। जी-23 गुट के नेता हाल ही में चुनावी राज्यों में हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर तमाम तरह के सवाल खड़े करते रहे हैं। यह वही जी-23 गुट है जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व के कामकाज को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने बड़े पैमाने पर पार्टी में सुधारों की मांग की थी।

जी-23 गुट के प्रमुख नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे नेताओं के साथ शशि थरूर भी शामिल हैं।

शशि थरूर ने अब कहा है कि 'नव संकल्प चिंतन शिविर' एम पल्लम राजू और मणिशंकर अय्यर सहित देश भर के पार्टी सहयोगियों के साथ जुड़ने का एक उत्कृष्ट अवसर था।

उन्होंने कुछ महिला कांग्रेस सदस्यों के साथ एक तसवीर भी पोस्ट की और ट्वीट किया, 'नव संकल्प चिंतन शिविर में महिला कांग्रेस प्रतिनिधियों की एक समूह सेल्फी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था...।'

कहा जा रहा है कि मुमकिन है कि शिविर में पार्टी संगठन के ढांचे में मूलभूत बदलाव के लिए उन सुझावों पर भी विचार हो जो पार्टी नेताओं के साथ घंटों की मैराथन बैठक में प्रशांत किशोर ने पेश किए थे।

शुक्रवार से शुरू हुए 'चिंतन शिविर' में चर्चा रविवार को समाप्त होगी। इस शिविर का निष्कर्ष एक घोषणा के रूप में दर्ज किया जाएगा। घोषणा के मसौदे पर रविवार को यहां होने वाली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में चर्चा की जाएगी।

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