पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी सहित कई नेता मौजूद रहे।
बीजेपी में शामिल होने से थोड़ी देर पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और लिखा कि जब पूरा देश गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं। जय हिंद।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी में काम करने का मौका देने के लिए धन्यवाद भी दिया है।
आरपीएन सिंह वर्तमान में झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी थे और कल ही कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में जगह दी थी।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए हाल के दिनों में यह एक और झटका है। कुछ महीने पहले जितिन प्रसाद ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया था और वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।
आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के इलाके से आते हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें पडरौना से चुनाव मैदान में उतार सकती है और उनके कुछ समर्थकों को भी टिकट दे सकती है।
आरपीएन सिंह मनमोहन सरकार के कार्यकाल में केंद्र में मंत्री रहे थे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी लोगों में शुमार थे।
चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में आरपीएन सिंह के जाने से कांग्रेस को एक बड़ा चेहरा खोना पड़ा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को खड़ा करने के लिए काफी पसीना बहाया है लेकिन एक के बाद एक साथ छोड़ रहे नेताओं के कारण उनकी मेहनत रंग ला पाएगी, यह कहना मुश्किल है।
मुश्किल में कांग्रेस
2014 के बाद से कई पूर्व केंद्रीय मंत्रियों, कई विधायकों सहित आला पदों पर रहे नेताओं ने कांग्रेस को छोड़ा है। पार्टी लगातार लोकसभा के 2 चुनाव हार चुकी है और पार्टी के अंदर बगावती नेताओं के गुट G23 के कारण भी पार्टी की खासी फजीहत हो चुकी है।