गजा के अस्पताल पर हमले की कांग्रेस ने की निंदा, फिलिस्तीन का किया समर्थन
पिछले दिनों गजा के एक अस्पताल पर हुए हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को एक बयान जारी कर इसकी निंदा की है।
जारी बयान में कहा गया है कि गजा में अस्पताल और रिहायशी इलाकों पर हुई अंधाधुंध बमबारी में सैकड़ों निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की जान चली गई, यह अनुचित और गंभीर मानवीय त्रासदी है। ऐसा हमला करने वाले अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इसके पहले 8 अक्टूबर 2023 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इज़रायल के लोगों पर हमास द्वारा किए गए क्रूर हमलों की भी निंदा की थी। बयान में कहा गया है कि इजराइल के सैन्य बलों द्वारा नागरिक क्षेत्रों में अंधाधुंध कार्रवाई भी अस्वीकार्य है, जिसमें गजा पट्टी की घेराबंदी और उसमें बमबारी शामिल है।
कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से जारी किये गये बयान में कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है।
अपने स्वयं के संप्रभु राज्य में गरिमा, आत्म-सम्मान और समानता के जीवन के लिए फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाएं लंबे समय से चली आ रही हैं और पूरी तरह से वैध हैं।
उन्होंने कहा कि इन आकांक्षाओं को नियमित रूप से दबाया और नकारा गया है। लाखों फिलिस्तीनियों को बेदखल और विस्थापित किया गया है। वे डर और भय के माहौल में रहे हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने तत्काल युद्धविराम और गाजा के संकटग्रस्त लोगों को मानवीय सहायता के लिए अपना आह्वान दोहराया है। यह सभी पक्षों से निरर्थक हिंसा और युद्ध का रास्ता छोड़कर बातचीत शुरु करनी चाहिए।
उनकी ओर से कहा गया है कि कांग्रेस सभी पक्षों से कूटनीति की प्रक्रिया शुरू करने का आह्वान करती है ताकि फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाएं पूरी हों और इज़रायल की सुरक्षा चिंताओं को भी सुनिश्चित किया जा सके।
चुनाव में इजरायल-फिलिस्तीन बन सकता है चुनावी मुद्दा
पांच राज्यों में होने जा रहे चुनाव में भी इजरायल और फिलिस्तीन चुनावी मुद्दा बन सकता है। कांग्रेस के सामने धर्म संकट यह है कि अगर वह फिलिस्तीन का समर्थन नहीं करती है तो मुस्लिम वोटर उससे दूर हो सकता है।वहीं अगर वह फिलिस्तीन का समर्थन करती है तो भाजपा इससे कांग्रेस की मुस्लिम समर्थक छवि बनाने की कोशिश करेगी। वह हिंदु वोटरों के बीच कांग्रेस को मुस्लिम समर्थक बता सकती है।
ऐसे में कांग्रेस की कोशिश इजरायल और फिलिस्तीन विवाद में किसी एक का समर्थक होने की छवि से खुद को दूर रखने की है। कांग्रेस दोनों ही पक्षों से शांति की अपील कर निष्पक्ष रहना चाहती है।
हालांकि पिछले दिनों कांग्रेस की ओर से पिछले दिनों कार्य समिति की बैठक में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया गया था।
प्रस्ताव में कहा गया था कि वहां की जमीन, स्वशासन ओर आत्मसम्मान और जीवन के अधिकारों के लिए कांग्रेस पार्टी फिलिस्तीन के प्रति अपने समर्थन को दोहराती है। युद्ध में मारे गए लोगों पर कांग्रेस ने गहरा दुख और पीड़ा व्यक्त की थी।
पिछले दिनों कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक्स पर ट्विट कर गाजा में हो रही हिंसा पर दुख जताया था। उन्होंने लिखा था कि अस्पतालों पर बम गिराना, बच्चों की हत्या करना, नागरिकों के लिए खाना, पानी और दवाएं रोकना…
गाजा में जो हो रहा है उसकी निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। एक महिला, मां और इंसान होने और इंसान होने के नाते मैं शर्मिंदा हूं कि दुनिया ने इस अपराध की अनुमति दे दी है।
विपक्षी नेताओं ने फिलिस्तीनी राजदूत से की थी मुलाकात
पिछले दिनों विभिन्न दलों के विपक्षी नेताओं ने दिल्ली में भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान मोहम्मद जाबेर अबुलहैजा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उन्होंने फिलिस्तीन का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि वह फिलिस्तीन में निर्दोंष बच्चों, महिलाओं समेत आम लोगों की मौत से दुखी हैं और फिलिस्तीन के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।इस मुलाकात के जरिये विपक्षी दलों ने अपना स्टैंड साफ कर दिया था कि इस संघर्ष में वह फिलिस्तीन के आम लोगों के साथ हैं।
फिलिस्तीनी राजदूत से मिलने वालों में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर, श्रीकांत जेना, बसपा के सांसद दानिश अली, राजद के सांसद मनोज झा, सपा के सांसद जावेद अली, जदयू के महासचिव केसी त्यागी, सीपीआई प्रमुख डी राजा, सीपीएम के नेता नीलोत्पल बसु, सपा नेता शाहिद सिद्दीकी आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर उन्होंने एक संयुक्त बयान भी दिया था। इसमें उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान करने की मांग की थी। उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का सम्मान करने और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता तत्काल पहुंचाने की अपील की थी।