गुजरात की सत्ता पाने पर कांग्रेस 500 रुपये प्रति सिलेंडर से लेकर 300 यूनिट मुफ्त बिजली देगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार 5 सितंबर को ऐसे समय में ये घोषणाएं की हैं, जब आम आदमी पार्टी भी ऐसे ही वादे गुजरात में कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्रीबीज पर सवाल उठाए हैं। हालांकि पीएम मोदी ने भी उससे पहले अपने भाषणों में फ्रीबीज को देश की तरक्की के लिए बाधा बताई थी।
गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी यहां तीन दशक से सत्ता में है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने तमाम फ्रीबीज की घोषणा करके बीजेपी को कड़ी चुनौती दी है। लेकिन कांग्रेस ने सोमवार को जो घोषणाएं की हैं, वो काफी महत्वपूर्ण हैं।
अहमदाबाद में 'परिवर्तन संकल्प रैली' को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने गुजरात में नई नौकरियां पैदा करने, इंग्लिश मीडियम स्कूल बनाने और लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने के अलावा गुजरात में किसानों के लिए कई घोषणाएं कीं।
राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात ड्रग का हब बन गया है। मुंद्रा बंदरगाह से हर तरह की ड्रग्स ले जाई जा रही हैं लेकिन बीजेपी सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है ... यह इनका गुजरात मॉडल है ... गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां आपको विरोध करने से पहले अनुमति लेनी पड़ती है। राहुल ने किसानों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ करती है, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया है? उन्होंने कहा, सरदार पटेल किसानों की आवाज थे..बीजेपी एक तरफ उनकी सबसे ऊंची प्रतिमा बनाती है और दूसरी तरफ, उन लोगों के खिलाफ काम करती है, जिनके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी।
गुजरात में राहुल गांधी के वादे
- गुजरात में किसानों की 3 लाख रुपये तक की कर्जमाफी।
- अभी 1000 रुपये में बिकने वाला रसोई गैस सिलेंडर 500 रुपये में दिया जाएगा।
- किसानों को मुफ्त बिजली और आम उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली।
- गुजरात में 10 लाख नई नौकरियों का सृजन।
- 3,000 इंग्लिश मीडियम स्कूलों का निर्माण और लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा।
- कोविड पीड़ितों के परिवारों को 4 लाख रुपये का मुआवजा।
आप की घोषणाएं
आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल ने भी गुजरात के लिए कई घोषणाएं की हैं। हालांकि केजरीवाल टुकड़ों-टुकड़ों में घोषणाएं कर रहे हैं। उनकी हर रैली में कोई न कोई वादा किया जा रहा है। केजरीवाल और कांग्रेस की घोषणाओं में जो खास बात है, वो है किसानों यानी गुजरात के ग्रामीण इलाकों पर फोकस। केजरीवाल का कहना है कि वो घोषणाओं को पूरा करने की गारंटी ले रहे हैं।- गुजरात के हर परिवार को 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त
- गुजरात के बेरोजगार युवकों को 3000 रुपये महीना भत्ता
- महिलाओं को 1000 रुपये महीना भत्ता
- गुजरात के युवकों को प्राइवेट नौकरियों में 80 फीसदी आरक्षण
सुप्रीम कोर्ट में फ्रीबीजरिटायर होने से पहले भारत के पूर्व चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा था कि देश के कल्याण के लिए फ्रीबीज यानी रेवड़ी बांटने के मुद्दे पर बहस ज़रूरी है। एक राजनेता के द्वारा फ्रीबीज के रूप में किए गए वादे और कल्याण योजना के बीच अंतर करने की ज़रूरत है।
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इस मामले में सभी पार्टियां एक ओर थीं और हर कोई चाहता है कि फ्रीबीज जारी रहें।
-एन वी रमना, पूर्व चीफ जस्टिस, रिटायर होने के पहले सुनवाई के दौरान
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आम आदमी पार्टी के फ्रीबीज को चुनौती दी गई थी। अभी इस याचिका पर सुनवाई जारी है और अंतिम फैसला आना है। बीजेपी समर्थक वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका के जरिए चुनौती दी थी। इसकी शुरुआत पंजाब में आप को सत्ता मिलने के बाद हुई थी। आप ने पंजाब में तमाम वादे कर मतदाताओं को अपनी ओर मोड़ लिया था। वहां उसने कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया था।
हालांकि अदालत के बाहर आम आदमी पार्टी और बीजेपी में इस पर तीखी बहस जारी है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा आम जनता के लिए चलाई जाने वाली तमाम वेलफेयर स्कीम्स को रेवड़ी बताकर केंद्र सरकार आम जनता का मजाक बना रही है।
जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। ये कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है। रेवड़ी कल्चर वालों को लगता है कि जनता जनार्दन को मुफ्त की रेवड़ी बांटकर, उन्हें खरीद लेंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना है। ये अलग बात है कि पीएम मोदी ने खुद कई घोषणाएं विभिन्न क्षेत्रों में की हैं जो कल्याणकारी योजनाओं या फ्रीबीज में गिनी जाती हैं।